अमेरिकी पाइपलाइन कंपनी पर साइबर अटैक, लगाई गई इमरजेंसी

अमेरिकी पाइपलाइन कंपनी पर साइबर अटैक, लगाई गई इमरजेंसी
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तकनीक के मामले में सबसे ज्यादा सुरक्षित देश अमेरिका में एक बड़ा साइबर अटैक हुआ है। हमलावरों ने फ्यूल सप्लाई करने वाली कंपनी कोलोनियल पर साइबर अटैक किया है। जिसके काऱण कंपनी का पूरा नेटवर्क बंद हो गया है। इस अटैक की पहचान रैनसमवेयर हमले के तौर पर की गई है।

इस बड़े पाइपलाइन नेटवर्क के बंद होने से कीमतें बढ़ने की आशंका पैदा हो गई हैं। क्योंकि गर्मियों का सीजन शुरू हो रहा है जिस काऱण तेल की डिमांड बढ़ेगी। इस हमले से यह भी पता चल गया है कि अमेरिका का एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर हैकर्स के लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण है।

कोलोनियल पाइपलाइन के माध्यम से प्रतिदिन 2.5 मिलियन बैरल फ्यूल का परिवहन होता है। इसमें पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और अन्य रिफाइंड प्रोडक्ट शामिल हैं। इस पाइपलाइन के जरिए विभिन्न प्रकार के फ्यूल 8,850 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। यह पाइपलाइन ईस्ट कोस्ट की रिफाइनरीज को ईस्टर्न और साउदर्न अमेरिका से जोड़ती है। कंपनी का कहना है कि शुक्रवार को साइबर अटैक की पहचान के बाद सिस्टम को बंद किया गया है। इस कदम से ऑपरेशन अस्थायी रूप से प्रभावित हुआ है। इसके अलावा कंपनी के आईटी सिस्टम पर भी असर पड़ा है।

अमेरिकी सरकार इस साइबर अटैक की जांच कर रही है। हालांकि, अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर ही है। एक पूर्व अधिकारी और इंडस्ट्री से जुड़े दो सूत्रों के मुताबिक, ऐसा लग रहा है कि हैकर काफी प्रोफेशनली साइबर क्रिमिनल ग्रुप से जुड़े हैं। पूर्व अधिकारी के मुताबिक, इस बात की भी जांच हो रही है कि हैकर कहीं साइबर सुरक्षा रिसर्च कम्युनिटी की ओर से डेवलप की गई ‘डार्कसाइड’ से तो नहीं जुड़े हैं। डार्कसाइड रैनसमवेयर को डेवलप करने और पीड़ितों से फिरौती मांगने के लिए जानी जाती है।

कोलोनियल के मुताबिक, यह रैनसमवेयर हमला मैलेशियस सॉफ्टवेयर के जरिए किया गया है। रैनसमवेयर एक प्रकार का मालवेयर है जो डाटा एनक्रिप्ट करके सिस्टम को लॉक करती है। इसके बाद हैकर दोबारा एक्सेस देने के लिए फिरौती की मांग करते हैं। पिछले पांच सालों में मालवेयर ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है। कोलोनियल ने एक थर्ड पार्टी साइबर सिक्युरिटी फर्म को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा कंपनी फेडरल एजेंसियों के संपर्क में भी है।

सूत्रों के मुताबिक, हैकर्स ने कोलोनियल के नेटवर्क में गुरुवार को सेंध लगाई थी और कंपनी के 100 जीबी डेटा पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद हैकर्स ने कुछ कंप्यूटर्स को लॉक कर फिरौती की मांग की है। हैकर्स ने धमकी दी है कि अगर फिरौती की रकम नहीं दी गई तो डेटा को इंटरनेट पर लीक कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी तक कोलोनियल ने फिरौती मांगे जाने की पुष्टि नहीं की है। कंपनी ने रविवार को बताया कि चार मुख्य लाइनें ठप पड़ी हैं। जबकि टर्मिनल से डिलिवरी पॉइंट तक जाने वाले कुछ छोटी लाइनें काम करने लगी हैं।

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जानकारों का कहना है कि ईस्ट कोस्ट क्षेत्र में ईंधन की सप्लाई में इस पाइपलाइन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इन राज्यों के 45% ईंधन की आपूर्ति इसी पाइपलाइन के जरिए होती है। हमले के बाद से मरम्मत का काम जारी है। फिलहाल यहां ईंधन की सप्लाई सड़क मार्ग से करने पर विचार चल रहा है। जानकारों का मानना है कि पाइपलाइन के ठप होने से ईस्ट कोस्ट राज्यों में ईंधन की कीमतों में 2-3% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यदि पाइपलाइन ज्यादा दिनों तक प्रभावित रहती है तो इसका असर ज्यादा हो सकता है।