उमाकांत त्रिपाठी। महापात्र नीलमणि साहू की उड़िया में लिखी किताब के हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विमोचन किया। हिंदी में किताब का नाम है मोहापात्रा नीलमणि साहू की स्मरणीय कहानियां और अंग्रेजी में द बेस्ट स्टोरी ऑफ मोहपात्रा नीलामर साहू…! इस मौके पर गुरूप्रसाद महापात्रा फाउंडेशन की प्रमुख अंजलि महापात्रा भी मौजूद रहीं। उड़िया में लिखी इस किताब का हिंदी में अनुवाद सुजाता श्रीवेंद्र तो वहीं अंग्रेजी में मोनालिसा जेना ने इसका अनुवाद किया है। हिंदी और अंग्रेजी की कहानियों की इस किताब का संपादन गुरुप्रसाद महापात्रा ने किया है। गुजरात कैडर के आईएस रहे गुरूप्रसाद महापात्र का निधन कोविड की वजह से 2021 में हो गया था। इस किताब का प्रकाशन हिंदी साहित्य अकेडमी ने किया है। किताब के विमोचन के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हिंदी साहित्य अकेडमी का आभारी हूं और साथ ही नेशनल बुक ट्रस्ट को दूसरी भाषाओं में प्रकाशित करने की गुजारिश की है।
पद्मश्री से सम्मानित हैं गुरुप्रसाद महापात्रा
गुजरात कैडर के आईएएस ऑफिसर गुरुप्रसाद महापात्रा को सिविल सेवा क्षेत्र में मरणोपरांत उनके बहुमुल्य योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। गुरुप्रसाद महापात्रा डीपीआईआईटी के सचिव थे और साबरमती रिवरफ्रंट सहित कई परियोजनाओं में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने अहमदाबाद में मॉडल सड़कों की भी शुरुआत की थी। कोविड के चलते 59 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। डीपीआईआईटी के सचिव रहने से पहले उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार संभाला था। उन्हें पीएम मोदी के बेहद करीबी लोगों में जाना जाता था।