रेड बॉल के क्रिकेट में भी प्रदर्शन से जीत लेगा दिल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में शतक जड़ेगा गिल

रेड बॉल के क्रिकेट में भी प्रदर्शन से जीत लेगा दिल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में शतक जड़ेगा गिल

BCCI ने साफ किया है कि केएल राहुल की बजाय शुभ्मन गिल 1 मार्च से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट जरूर खेलेंगे। सूत्रों के मुताबिक, केएल राहुल की अब टेस्ट टीम की प्लेइंग XI में वापसी मुश्किल नजर आ रही है। केएल राहुल के बल्ले से पिछले 11 टेस्ट मैच में सिर्फ 1 अर्धशतक आया था। इसके बावजूद उन्हें निरंतर अवसर दिए गए। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल खड़ा हो रहा था कि अगर केएल राहुल को ड्रॉप किया गया है, तो शुभ्मन गिल कितने मुकाबलों में भारत के लिए वाइट जर्सी में नजर आएंगे। BCCI के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि शुभ्मन गिल को कम से कम 5 टेस्ट मैच तो दिए ही जाएंगे। उनके आगे खेलने का निर्णय गिल के प्रदर्शन के आधार पर लिया जाएगा।

बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले मैच में 20 रन और दूसरे टेस्ट मैच की दोनों पारियों मिलाकर 18 रन बनाने वाले केएल राहुल को उप-कप्तानी के साथ-साथ टीम में अपनी जगह भी गंवानी पड़ी है। शुभ्मन गिल को जनवरी, 2023 के लिए आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ चुना गया है। पिछले महीने गिल ने भारत के लिए 1 दोहरा शतक, 2 शतक और 1 अर्धशतक बनाया था। दिसंबर 2022 में ही शुभ्मन गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ शानदार टेस्ट शतक जड़ा था। इसके बावजूद गिल को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले दोनों टेस्ट की प्लेइंग XI से बाहर कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब टेस्ट मैचों में केएल राहुल फ्लॉप रहे, जिसके बाद इंडियन टेस्ट टीम में उनके सिलेक्शन को लेकर काफी सवाल खड़े हुए।

पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने भी ट्वीट कर भारतीय बल्लेबाज की आलोचना की। प्रसाद ने अपने ट्वीट में लिखा कि एक बेहतरीन खिलाड़ी होने के बाद भी केएल राहुल का परफॉर्मेंस निराशाजनक है। उनका टेस्ट औसत 33 का है जो साधारण है। पूर्व गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने केएल राहुल के चयन को लेकर ये भी ट्वीट किया कि मुझे लगता है कि उसका चयन परफॉर्मस को देखकर नहीं बल्कि पसंद के तौर पर किया गया है। 8 साल से वो टीम में हैं लेकिन उसका परफॉर्मंस औसत है। प्रसाद ने ये भी सवाल उठाए कि आपके पास शुभ्मन गिल और सरफराज खान जैसे खिलाड़ी हैं, जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में आप लगातार कैसे केएल राहुल को मौके दे सकते हैं ? सोशल मीडिया पर लगातार शुभ्मन गिल को टीम इंडिया से ड्रॉप करने को लेकर आलोचना का दौर शुरू हो गया। नतीजा यह रहा कि अब राहुल की जगह गिल को टीम का ओपनर बना दिया गया है।

नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट की बात करें तो केएल राहुल पहली पारी में 70 गेंदों पर 20 रन बनाकर खेल रहे थे। डेब्यू कर रहे स्पिनर मर्फी की गेंद टॉस्ड अप आउटसाइड ऑफ थी। ड्राइव करने के प्रयास में केएल राहुल उसे सीधा गेंदबाज के हाथों में चिप शॉट के रूप में खेल बैठे। घरेलू परिस्थितियों में अगर स्पिनर की साधारण गेंद पर आप इस तरह विकेट गंवाते हैं, तो निश्चित तौर पर टीम में आपके चयन को लेकर सवाल खड़े होंगे। हालांकि रोहित शर्मा के धमाकेदार शतक और जडेजा व अक्षर पटेल की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत टीम इंडिया को 223 रनों की बढ़त मिल गई। बाद में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम दूसरी पारी में 195 गेंदें खेलकर 91 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई।

दिल्ली टेस्ट की बात करें, तो पहली पारी में वह नाथन लियोन के 18वें ओवर की पहली गेंद पर LBW आउट हुए। दरअसल यह टॉस्ड अप डिलीवरी मिडिल स्टंप पर डाली गई थी। राहुल गेंद को डिफेंड करने आगे आए लेकिन उनका बल्ला पैड में फंस गया। गेंद पैड के निचले हिस्से पर लगी और अंपायर नितिन मेनन की उंगली खड़ी हो गई। भारत की दूसरी पारी के दूसरे ओवर में ही राहुल के सामने आ गए नाथन लियोन। दूसरे ओवर की पहली गेंद फ्लैट थी और पैड पर थी। कड़ा प्रहार लेकिन गेंद फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर के घुटने से टकराकर विकेटकीपर के लिए आसान सा कैच बन गई। राहुल 3 गेंद पर 1 रन बनाकर वापस लौट गए। यह अक्सर तब होता है, जब बल्लेबाज लो ऑन कॉन्फिडेंस हो। अब जरूरी है कि राहुल कुछ रणजी ट्रॉफी मुकाबले खेलें और पुरानी लय वापस हासिल करें।

एक पारी और 132 रनों के विशाल अंतर से पहला टेस्ट और 6 विकेट से दूसरा टेस्ट भारत जरूर जीत गया, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि केएल राहुल के नाम पिछले 11 टेस्ट मैचों में केवल 1 अर्धशतक है। यह परिस्थिति टीम के लिए चिंताजनक है। हालांकि केएल राहुल का ओवरऑल टेस्ट करियर देखें, तो उन्होंने 47 मुकाबलों में 33.4 की साधारण औसत से 2642 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 7 शतक और 13 अर्धशतक आए हैं। दूसरी तरफ शुभ्मन गिल ने दिसंबर 2022 में ही टेस्ट करियर का पहला शतक ठोक कर रेड बॉल क्रिकेट में भी अपनी उपयोगिता साबित की थी। नए साल में वनडे में दोहरा शतक और टी-20 इंटरनेशनल में शतक जड़कर गिल कमाल की फॉर्म में नजर आए हैं। ऐसे में केएल राहुल की नाकामी पर सवाल किया जाना चाहिए। बतौर ओपनर शुभ्मन गिल को लगातार टेस्ट क्रिकेट में अवसर दिया जाना चाहिए।