सोमवार को ज्ञानवापी प्रकरण में स्पेशल सीजेएम की अदालत में फौजदारी के अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अर्जी देकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, मुफ्ती ए बनारस अब्दुल बातिन नोमानी समेत कुल सात और 200 अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई है। इन सभी पर वुजूखाने में गंदगी फैलाने, कोर्ट कमीशन कार्यवाही के दौरान विरोध, बाधा पहुंचाने के अलावा बयानों के जरिए हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। अदालत मंगलवार को इस अर्जी पर सुनवाई करेगी।
कोर्ट को हरिशंकर पाण्डेय ने प्रार्थनापत्र के जरिए अवगत कराया कि 6 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे टीम कमीशन की कार्यवाही करने के लिए गई थी। वहां पर जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम पक्ष के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। नमाजियों ने वहां पर स्तिथ वुजूखाने में अपने हाथ-पैर धोए और गंदगी फैलाई। जबकि वह हमारे आराध्य देवता शिव का स्थान है। ऐसा करना हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है।
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन आदि को भी अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र में आरोपी बनाया है।