यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने बताया कि आयोग ने मेडिकल/डेंटल प्रवेश परीक्षा एनईईटी और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने जगदीश कुमार के हवाले से बताया कि प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों को कई प्रवेश परीक्षाओं के ‘तनाव’ से मुक्त करना है।
बता दें कि इंजीनियरिंग में आइआइटी समेत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में यूजी दाखिले के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा जेईई मेन और फिर किसी एक आइआइटी द्वारा जेईई एडवांस प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है और इसमें लगभग 10 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होते हैं।
इसी प्रकार, एम्स समेत विभिन्न चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में यूजी कोर्सेस (एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस, आदि) में दाखिले के लिए एनटीए द्वारा प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन हर साल किया जाता है और इसमें करीब 15 लाख उम्मीदवार सम्मिलित होते हैं।
वर्तमान में स्टूडेंट्स को अंडर-ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए अपने पसंदीदा कोर्से के हिसाब से नीट या जेईई या इस साल से लागू सीयूईटी में सम्मिलित होना होता है।