रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के साथ चौथी भारत-फ्रांस वार्षिक रक्षा वार्ता आयोजित की। यह बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। वार्ता में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, रक्षा एवं रक्षा औद्योगिक सहयोग के मुद्दों से जुड़े विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा की गई।
दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा की, जो हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। उन्होंने समुद्री सहयोग को मजबूत करने और द्विपक्षीय अभ्यासों के दायरे एवं गहराई को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारत और फ्रांस ने हाल ही में वायु सेना स्टेशन जोधपुर में अपने द्विपक्षीय वायुसेना-अभ्यास ‘गरुड़’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
वार्ता के दौरान विचार के प्रमुख क्षेत्रों में ‘मेक इन इंडिया’ पर ध्यान देने के साथ-साथ रक्षा औद्योगिक सहयोग था। भविष्य के सहयोग तथा संभावित सह-उत्पादन के अवसरों पर चर्चा की गई। दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के तकनीकी समूहों को अगले साल की शुरुआत में मिलना चाहिए और सहयोग के प्रमुख मुद्दों को आगे बढ़ाना चाहिए।
मंत्रियों ने अनेक रणनीतिक एवं रक्षा मुद्दों पर अपनी आपसी सहमति पर बातचीत की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता साझा की। फ्रांस हिंद महासागर आयोग (आईओसी) और इंडिया स्कैन नेवल सिम्पोज़ियम (आईओएनएस) का वर्तमान अध्यक्ष है और दोनों देश इन मंचों में निकट सहयोगी हैं।
भारत की अपनी यात्रा के अंतर्गत सेबेस्टियन लेकोर्नू ने दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय की एक दिवसीय यात्रा की और भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया। फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री ने कहा कि वह आईएनएस विक्रांत से बेहद प्रभावित थे। फ्रांस, भारत के सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारों में से एक है और दोनों देश 2023 में अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए उत्सुक हैं।