यह तस्वीर तब की है, जब तीसरे वनडे में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले सूर्या 7वें नंबर तक अपनी बैटिंग का इंतजार कर रहे थे। पहले 2 वनडे मुकाबलों में उनका खाता नहीं खुला था और ऐसे में तीसरा वनडे उनके ODI करियर के लिए निर्णायक सिद्ध होने वाला था। टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करने वाले सूर्यकुमार को इस बार लोअर ऑर्डर में बैटिंग के लिए भेजा जा रहा था। भारत का स्कोर 35.1 ओवर में 185 पर 5 विकेट आउट हो गया। यहां से भारत को जीत के लिए 89 गेंद पर 85 रनों की आवश्यकता थी। सूर्यकुमार यादव रहते, तो निश्चित तौर पर टीम इंडिया यह मुकाबला जीत जाती। ऐसे में सूर्या के पास पहले 2 वनडे मुकाबलों की नाकामी भुलाने का भरपूर मौका था।
स्पिनर एस्टन एगर ने 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेंथ बॉल डाली। सूर्यकुमार यादव के शरीर का झुकाव लेग साइड की तरफ ज्यादा था। वह बैकफुट से गेंद को डिफेंड करना चाहते थे। सूर्यकुमार यादव बॉल बीट कर गए और उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा विकेटों पर जा लगा। लगातार तीसरा गोल्डन डक…! किसी भी बल्लेबाज के लिए इससे ज्यादा दुखद और कुछ नहीं हो सकता। आउट होने के बाद सूर्या के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। जिस खिलाड़ी से टीम इंडिया को हारा हुआ मैच जिताने की अपेक्षा की जाती है, वह लगभग बने-बनाए मुकाबले में फंसाकर आ गया। विराट के आउट होने के बाद अगली ही गेंद पर सूर्यकुमार वापस…!
सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आनी थी और आई भी। हर दूसरा शख्स सूर्य कुमार को शून्य कुमार बताने पर आमादा हो गया। कुछ लोगों का वश चले तो सूर्या को आजीवन टीम इंडिया से प्रतिबंधित कर दें। उसे कभी भी भारतीय टीम के लिए क्रिकेट मैच खेलने का अवसर ना दें। पर यहां समझने की बात यह है कि अगर आपने कभी भी जिंदगी में बल्ला उठाया है, तो निश्चित तौर पर मानेंगे कि जब बैट्समैन का कॉन्फिडेंस कम होता है तो उसे ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। जिस गेंद को घुटने टिका कर यही सूर्यकुमार डीप स्क्वायर लेग बाउंड्री के स्टैंड में मारा करते थे, उस बॉल पर सूर्या बोल्ड हो गए।
सूर्यकुमार यादव इस वनडे सीरीज में बिल्कुल भी परफॉर्म नहीं कर सके। यह बात हर क्रिकेट फैन को स्वीकार करनी चाहिए। श्रेयस अय्यर की अनुपस्थिति में उन्हें जो अवसर मिला था, अगर सूर्या उसका भरपूर लाभ उठाते तो निश्चित तौर पर वनडे वर्ल्ड कप के लिए अपनी दावेदारी जताते। हालांकि वह अंडर प्रेशर आ गए और उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। इसका यह मतलब नहीं है कि सूर्यकुमार यादव खत्म हो गए। जब 2011 में यह खिलाड़ी अपने प्राइम फॉर्म में था, तब इसने टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए 10 वर्षों का इंतजार किया है। इस दौरान घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया है। पुराने प्रदर्शन को देखकर मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि सूर्यकुमार यादव पूरी ताकत के साथ वापस आएंगे। फिर से एक दफा रनों का अंबार लगाएंगे