कोविड-19 महामारी के बावजूद बीते साल यानी 2021 में दिल्ली-एनसीआर में कार्यालय स्थल का बाजार गुलजार रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में गुरुग्राम में कार्यालय स्थल की मांग लगभग दोगुना होकर 40 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई। यह स्थिति बताती है कि मौजूदा महामारी के दौर में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) एक अस्थायी व्यवस्था है।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि गुरुग्राम में बीते साल कुल 40 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया गया। 2020 में गुरुग्राम में कार्यालय स्थल की मांग 21 लाख वर्ग फुट थी।
रिपोर्ट कहती है कि 2021 के कैलेंडर साल में नोएडा में कार्यालय स्थल की मांग मामूली बढ़कर 21 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई, जबकि 2020 में यह 19 लाख वर्ग फुट थी। हालांकि, राजधानी दिल्ली में कार्यालय स्थल की मांग 2,00,000 वर्ग फुट पर स्थिर रही।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में कुल मिलाकर पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 50 प्रतिशत बढ़कर 63 लाख वर्ग फुट हो गई, जो इससे पिछले साल यानी 2020 में 42 लाख वर्ग फुट थी। कार्यालय स्थल की कुल मांग में प्रौद्योगिकी कंपनियों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत रही।
उपक्रमों और स्टार्टअप इकाइयों की प्रबंधित स्थल की बढ़ती मांग की वजह से ‘लचीले’ कार्यस्थलों की मांग 2021 में तीन गुना होकर 10 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई।
कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (क्षेत्रीय किरायेदार प्रतिनिधित्व और कार्यालय सेवाएं-उत्तर भारत) भपेंद्र सिंह ने कहा कि कंपनियों की कार्यालय स्थल की मजबूत मांग से पता चलता है कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ एक अंतरिम व्यवस्था है।
दिल्ली-एनसीआर के बाजार में डीएलएफ लिमिटेड, ब्रुकफील्ड समूह, भारती रियल्टी और मैक्स समूह की कंपनी मैक्सवीआईएल प्रमुख रियल एस्टेट खिलाड़ी हैं, जो लीज पर कार्यालय स्थल उपलब्ध कराती हैं।
सिंह ने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद से नोएडा में कार्यालय स्थल की मांग काफी बढ़ी है क्योंकि यह बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ एक लागत दक्ष गंतव्य है।