दिल्ली में पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर चिपकाने के कारण लगभग 3 दर्जन FIR दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए हैं और 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिससे आगे की पूछताछ की जी रही है… इन पोस्टरों में से अधिकतर का हटा दिया गया है और बाकी पोस्टरों को हटाने की कार्यवाही की जा रही है और घटना में शामिल आरोपियों की छानबीन की जा रही है..
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में दीवारों और खंभों पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने की मांग वाले पोस्टर पाए जाने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 44 एफआईआर दर्ज की हैं और दो प्रिंटिंग प्रेस मालिकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कम से कम 2,000 पोस्टर हटा दिए हैं। इसके अलावा एक संदिग्ध वैन को रोक कर उससे 2,000 से ज्यादा विवादित पोस्टर को जब्त कर लिया है।
AAP मुख्यालय से आ रहे एक वैन से हजारों पोस्टर जब्त
विशेष पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र की कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने एक संदिग्ध वैन को रोका। यह वैन आईपी एस्टेट में डीडीयू मार्ग स्थित आप मुख्यालय से आ रही थी। वैन से दो हजार से ज्यादा पीएम मोदी विरोधी पोस्टर को जब्त करने के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। पाठक ने कहा, “हमने दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। आगे की जांच जारी है।” उन्होंने कहा, ” गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने खुलासा किया कि उसे उसके नियोक्ता द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्यालय में पोस्टर वितरित करने के लिए कहा गया था। उसने एक दिन पहले भी वहां डिलीवरी की थी। इस मामले में AAP की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दो प्रिंटिंग प्रेसों के मालिक गिरफ्तार, कई इलाकों में FIR
पुलिस के मुताबिक, दो प्रिंटिंग प्रेस फर्मों को 50-50 हजार पोस्टर बनाने का ऑर्डर दिया गया था। कंपनियों से जुड़े कर्मचारियों ने रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक दिल्ली के कई इलाकों में इनमें से कई पोस्टर चिपकाए। अपने प्रिंटिंग प्रेस का नाम पोस्टरों पर प्रकाशित नहीं करने के आरोप में मालिकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक ताजा घटना में 20 एफआईआर उत्तर पश्चिम जिले में, छह उत्तर में और पांच पश्चिम में, शाहदरा और द्वारका में तीन-तीन, मध्य, पूर्वोत्तर और पूर्व में दो-दो और दक्षिण पूर्व में एक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इन दो कानून के तहत दर्ज किया गया केस
डीसीपी (उत्तर पश्चिम) जितेंद्र मीणा ने जिले में 20 प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “ज्यादातर प्राथमिकी सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के तहत दर्ज की गईं।” अधिकारियों ने कहा कि तीन लोगों को मध्य जिले से और एक को पश्चिम से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी (पश्चिम) घनश्याम बंसल ने कहा, ‘हमने एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक एक शख्स को गिरफ्तार किया है और हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उसे यह ऑर्डर कहां से मिला।’
कोविड काल में ऐसी ही घटना पर दर्ज हुई थी 25 प्राथमिकी
दो साल पहले भी ऐसी एक घटना दिल्ली में सामने आई थी। तब दिल्ली पुलिस द्वारा 25 प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उस दौरान कोविड टीकाकरण अभियान के दौरान दिल्ली के कई इलाके में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर लगाए गए थे।