महातूफान ‘यास’ ने मचाई तबाही, बिहार और यूपी में अलर्ट

महातूफान ‘यास’ ने मचाई तबाही, बिहार और यूपी में अलर्ट

यास चक्रवात ने ओडिशा के तट से टकराने के बाद विकराल रुप धारण कर लिया। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ों के उखड़ने की तस्वीर भी देखने को मिली है। यास की वजह से पश्चिम बंगाल में तट के कई किमी दूर तक दूकानों और घरों में पानी भर गया है।

मौसम विभाग ने बंगाल और ओडिशा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, चक्रवात से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। 

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के जेना ने कहा, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में बिजली के बुनियादी ढांचे को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई और बिजली विभाग ने फीडरों की सुरक्षा जांच भी शुरू कर दी। सड़क की सफाई और मरम्मत के लिए पर्याप्त टीमें मैदान पर उपलब्ध हैं।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वे पहले ही 1.05 लाख से अधिक लोगों को निकाल चुके हैं और यह जारी है। हम मयूरभंज में हवा की गति और क्षति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। हमने बड़े पैमाने पर पेड़ों को उखड़ते देखा है। सड़कों को लगातार साफ किया जा रहा है।  चक्रवात यास ने लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी कर ली है। यह सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे कलेक्टर बालासोर और भद्रक से सूचना मिली कि सभी तटीय क्षेत्रों में हवा थम गई है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य के हर नागरिक का जीवन अमूल्य है। किसी भी सूरत में इसे बचाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की निगरानी के लिए गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को भेजा है। बालेश्वर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा व भद्रक जिले के सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद कर दी गई है।

डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पारादीप से बंगाल के सागर द्वीप के बीच यास का सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। भद्रक जिले के धामरा व चांदबाली क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे। तूफान के जमीन से टकराने के छह घंटे पहले व छह घंटे बाद का समय सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व पुरी में टकराने वाले फनी चक्रवात की तुलना में यास का प्रभाव कम होगा।