पहली बार C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान की नाइट लैंडिंग कराई;लद्दाख के कारगिल में एयरफोर्स ने।

पहली बार C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान की नाइट लैंडिंग कराई;लद्दाख के कारगिल में एयरफोर्स ने।

उमाकांत त्रिपाठी।

लद्दाख के कारगिल में एयरफोर्स ने पहली बार C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान की नाइट लैंडिंग कराई है। एयरफोर्स ने रविवार को सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जारी किया। इस वीडियो में सेना के कमांडोज भी दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो के साथ एयरफोर्स ने लिखा- C-130J विमान को कारगिल में उतार कर इतिहास रचा गया है। अब रात के अंधेरे में भी निगरानी और दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है।

जवानों ने टेरेन मास्किंग एक्सरसाइज की
एयरफोर्स की तरफ से जारी वीडियो में सेना के कमांडो को टेरेन मास्किंग एक्सरसाइज करते हुए देखा गया। ये एक खास तरह का सैन्य अभियान होता है, जो दुश्मन से छिपकर अपने मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किया जाता है। हालांकि एयरफोर्स ने इस एक्सरसाइज को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है।

लद्दाख में नाइट लैंडिंग बेहद खतरनाक
लद्दाख के कारगिल में मौजूद हवाई पट्टी समुद्र तल से 8,800 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर है। यह इलाका ऊंची पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। ऐसे में यहां लैंडिंग काफी मुश्किल मानी जाती है। रात के अंधेरे में लैंडिंग करना और भी चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि सिर्फ नेविगेशन के जरिए ही विमान उतारना पड़ता है।

एयरफोर्स ने 68 हजार जवान लद्दाख भेजे
भारत ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर 68 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया है। इसके अलावा एयरफोर्स की मदद से करीब 90 टैंकों और वेपन सिस्टम्स को भी लद्दाख ले जाया गया। सुखोई Su-30 MKI और जगुआर जैसे प्लेन्स से दुश्मन के जमावड़े पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही थी।

पिछले 69 साल से लगातार सर्विस में C-130
C-130 विमान ने 1954 में पहली बार उड़ान भरी थी। इस चार इंजन वाले ट्रांसपोर्ट विमान को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया था। बाद में नए इंजन, फ्लाइट डेक और एडवांस सिस्टम के साथ अपग्रेड हुए प्लेन को C-130J नाम दिया गया। भारत समेत 20 से ज्यादा देश इस विमान का इस्तेमाल करते हैं।