देश में पहली बार ट्रेनों में लगेंगे सिस्मोमीटर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में होगा नया प्रयोग; जानें इससे क्या होगा?

देश में पहली बार ट्रेनों में लगेंगे सिस्मोमीटर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में होगा नया प्रयोग; जानें इससे क्या होगा?

उमाकांत त्रिपाठी।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में भूकंप का पता लगाने के लिए 28 सिस्मोमीटर लगाए जाएंगे। ये सिस्मोमीटर बिजली सप्लाय करने वाले सब स्टेशन के साथ जुड़े होंगे। भूकंप के झटकों का पता लगते ही ऑटोमैटिक पावर सप्लाई बंद हो जाएगी और इमरजेंसी ब्रेक के साथ बुलेट ट्रेन रुक जाएगी।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) ने सोमवार को बताया कि पैंसेंजर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा करने के लिए जापानी शिंकानसेन तकनीक पर आधारित भूकंप का पता लगाने वाला सिस्टम लगाया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने x पर पोस्ट में सिस्टम लगाए जाने की जानकारी दी है।वैष्णव ने लिखा- भारत में पहली बार अर्ली अर्थक्वेक डिटेक्शन सिस्टम बुलेट ट्रेन में लगाया जाएगा। इसके तहत 28 सिस्मोमीटर लगाए जाएंगे।

8 सिस्मोमीटर लगेंगे महाराष्ट्र में
28 सिस्मोमीटर में से 8 महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, विरार और बोइसर में लगेंगे। जबकि 14 गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, महेम्दावाद और अहमदाबाद में लगाए जाएंगे।
बाकी 6 सिस्मोमीटर भूकंप की आशंका वाले इलाकों​​​​​ महाराष्ट्र के खेड़, रत्नागिरी, लातूर और पंगरी, गुजरात के अडेसर और पुराने भुज में स्थापित किए जाएंगे।

14 गुजरात में लगेंगे
ट्रैक्शन सब-स्टेशनों में सिस्मोमीटर शुरुआती तरंगों से भूकंप के झटकों का पता लगाएंगे। भूकंप का पता लगते कि ऑटोमैटिक बिजली बंद हो जाएगी।
हाई स्पीड कॉरिडोर में पिछले 100 सालों में 5.5 से अधिक तीव्रता के जो भूकंप आए हैं, इसका सर्वे जापानी एक्सपर्ट्स ने किया था। इस सर्वे और मिट्‌टी परीक्षण के बाद सिस्मोमीटर लगाने की जगहें तय की गई हैं।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तीन घंटे में तय करेगी। अभी दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर साढ़े पांच घंटे में तय करती है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए है। यह प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कहलाता है।

12 स्टेशन, 350 kmph स्पीड, 3 घंटे का सफर

मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किमी/घंटा होगी। अभी मुंबई-अहमदाबाद के बीच नॉर्मल ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है।
अगर बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी तो 3 घंटे में 508 किमी का सफर पूरा करेगी। यानी एवरेज स्पीड 170 किमी/घंटा होगी।
अगर 4 ही स्टेशनों मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वड़ोदरा पर रुकेगी तो दो घंटे में सफर पूरा कर लेगी। ऐसे में एवरेज स्पीड 254 किमी/घंटा होगी।
इस रूट पर 12 स्टेशन मुंबई, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती हो सकते हैं। इनमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा।

बुलेट ट्रेन का 7 किमी हिस्सा समुद्र के अंदर होगा

508 किमी के रूट में से 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र से गुजरेगा। कुल 92% यानी 468 किमी लंबा ट्रैक एलिवेटेड रहेगा।
मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। 25 किमी का रूट सुरंग से गुजरेगा। 13 किमी हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदियां पार करेगी। 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे।
शुरुआत 10 कोच वाली 35 बुलेट ट्रेनों से होगी। ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे लगाएंगी। एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे। बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे। 2050 तक इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 105 करने का प्लान है।

2026 में शुरू होगी पहली बुलेट ट्रेन
पहले बुलेट ट्रेन साल 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है। ऐसा होते ही भारत 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क है।