पीएम मोदी का बयान, मैं डेडलाइन पर काम करने वाला इंसान हूं, मैं 2047 की तैयारी कर रहा हूं

पीएम मोदी का बयान, मैं डेडलाइन पर काम करने वाला इंसान हूं, मैं 2047 की तैयारी कर रहा हूं

उमाकांत त्रिपाठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (16 मार्च) की रात दिल्ली में इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव 2024 में शामिल हुए। अपने 53 मिनट के संबोधन में उन्होंने देश की प्रगति, सरकारी योजनाओं और देश को लेकर अपने विजन के बारे में बताया। पीएम मोदी ने कहा, ”मैं हेडलाइन नहीं, डेडलाइन पर काम करने वाला व्यक्ति हूं। मैं वो बातें भी बताऊंगा, जिनको मीडिया उतना आकर्षक नहीं मानता। जिन्हें मीडिया छूना पसंद नहीं करता, लेकिन ये मुद्दे सामान्य जन को छूते हैं, जैसे स्टार्टअप्स।”

पीएम मोदी की अहम बातें…

मोदी ने कहा, ”इतने जिलों में स्टार्टअप्स होना यानी टियर 2, 3 के नौजवान इसकी अगुआई कर रहे हैं। जिस दल ने कभी स्टार्टअप के बारे में चर्चा नहीं की, उसे स्टार्टअप की बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पीएम ने आगे कहा कि पूरी दुनिया अनिश्चितता के भंवर में फंसी है। एक बात तय है कि भारत तेज गति से विकास करता रहेगा। आज मूड ऑफ नेशन भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का कह रहा है।”

पीएम ने कहा, ”जिस योजना से परिवर्तन आ रहा है, उसकी चर्चा जरूरी है। ये है मुद्रा योजना। बैंकों से लोन लेने के लिए युवाओं को गारंटी लेनी पड़ती थी। मुद्रा योजना के तहत उनको भी लोन मिला, जिनके पास गारंटी के लिए कुछ नहीं था। 8 करोड़ मुद्रा लाभार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार बिजनेस शुरू किया। पीएम स्वनिधि योजना भी एक स्कीम है। स्ट्रीट वेंडर को इससे सस्ता ऋण मिला, वो भी गारंटी के बगैर। मेरा जो भी तजुर्बा है, जो भी जाना-समझा है, मैंने गरीबों की अमीरी और अमीरों की गरीबी भी देखी है। इसलिए मैंने स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने का तय किया।”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोविड के दिन याद कीजिए, इन रेहड़ी-पटरी वालों की जिंदगी कितनी मुश्किल में पड़ गई थी। तभी मैंने सोच लिया था कि इनके लिए कुछ करूंगा। ये लोग डिजिटल क्रांति का चेहरा बन गए हैं। विश्व में जो डिजिटल क्रांति की चर्चा होती है, उसमें रेहड़ी-पटरी वालों का योगदान है। इसे मीडिया में हाइलाइट किया जाना जरूरी है। मैं आपके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने आया हूं (हंसते हुए)।

पीएम ने कहा, ”आपमें से कई लोगों को नमो ड्रोन दीदी के बारे में पता नहीं होगा। गांव की महिलाओं को 1 हजार ड्रोन दिए गए हैं। ये खेती का, गांव का और महिलाओं का भाग्य बदलने वाले ड्रोन हैं। जिन महिलाओं ने साइकिल तक नहीं चलाई होगी, वे अब ड्रोन चलाती हैं। मैंने बहुत सोच-समझकर बहनों को दिया है। गांव में जब कोई लड़की ट्रैक्टर चलाती है तो बाकायदा दिखाया जाता है कि ये ट्रैक्टर चलाती है। मैं इस साइकी को बदलना चाहता हूं।”

पीएम ने कहा कि गुजरात में रहने के दौरान कहा था कि जो आशा वर्कर होते हैं, उनके कपड़े अच्छे होने चाहिए। पहले गांव में पुलिस आई तो सरकार कहते थे। बाद में लोग आशा वर्करों को देखकर ऐसा कहने लगे। आज महिलाओं के ट्रांसफॉर्मेशन की चर्चा नहीं होती। हमारा प्रयास रहा है कि गांव में आधुनिक हेल्थ सेंटर की सुविधा हो। इसलिए हमने गांव में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाए। ये काम लगातार चल रहा है, लेकिन ये काम हेडलाइन नहीं बनता। यहां सामान्य टेस्ट तो होते हैं, साथ ही डायबिटीज-कैंसर की शुरुआती जांच भी होती है। हमने इन्हें बड़े अस्पतालों से जोड़ा है। हम हम टेली मेडिसिन की सुविधा गांव के मरीज तक पहुंचा रहे हैं। अभी तक देशवासी घर बैठे 24 करोड़ कंसल्टेशन ले चुके हैं।