1 महिला समेत 6 नाइजीरियन गिरफ्तार, फर्जी डेटिंग एप के जरिए महिलाओं को बनाते थे शिकार

1 महिला समेत 6 नाइजीरियन गिरफ्तार, फर्जी डेटिंग एप के जरिए महिलाओं को बनाते थे शिकार

नोएडा पुलिस को बड़ा कामयाबी मिली है… गिरोह बनाकर महिलाओं से लुटपाट करने वाले विदेशियों का खुलासा हुआ है जो महिलाओं से ठगी करते थे… ऐसी ही एक महिला से जब इनलोगों ने ठगी की तो इसकी शिकायत इस महिला ने पुलिस से कर दी जिसके बाद पुलिस अलर्ट मोड में आ गई और इस शातिर गिरोह का खुलासा हो गया… बताया जा रहा है कि .ये सभी लोग नाइजीरिया के रहने वाले हैं…

ऑनलाइन डेटिंग और चैटिंग एप पर दोस्ती कर देश-विदेश की महिलाओं से कस्टम का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस ने रविवार को छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने एक महिला भी शामिल है।

महिला की पहचान भूटान के कुंजगमो के रूप में हुई है। अन्य आरोपित मूल रूप से नाइजीरिया के डेल्टा स्टेट के रहने वाले हैं। जालसाजों के कब्जे से तीन लैपटाप, एक इंटरनेट डोंगल, तीन पासपोर्ट, स्कूटी, 17 मोबाइल और 40 हजार 640 रुपये की नकदी बरामद हुई है। सभी वर्तमान में दनकौर थानाक्षेत्र के सुपरटेक इकोविलेज गोल्फ कंट्री में फ्लैट लेकर रह रहे थे।

शातिरों की पहचान ओकोली स्टीफन, ओकोसिंधी माइकल, उमादी रोलेंड, ओकोली डेनियल, ओकोली प्रोसपर और कुंजगमो के रूप में हुई है। साइबर और आइटी सेल की मदद से आरोपितों तक कोतवाली पुलिस पहुंची

डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि आरोपितों का एक संगठित गिरोह है। सभी 2021 में एजुकेशन और मेडिकल वीजा पर भारत आए। छह माह की वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी जालसाज अपने देश नहीं लौटे और यहीं रहकर ठगी प्रारंभ कर दी। आरोपित टिंडर, बंबल, ओके क्यूपिड सहित अन्य डेटिंग एप का इस्तेमाल कर उसपर अपनी फर्जी प्रोफाइल तैयार करते थे।

यहां आरोपित खुद को प्लास्टिक सर्जन, इंजीनियर और कारोबारी बताकर देश की महिलाओं से संपर्क करते थे। दोस्ती होने के बाद आरोपित महिलाओं को शादी का झांसा देते थे। इसी दौरान आरोपित महिला से मिलने भारत आने की बात कहता था। आरोपित महिलाओं को बताता था कि वह उसके लिए लाखों रुपये की विदेशी मुद्रा और कीमती आभूषण ला रहा है।

फ्लाइट का नकली टिकट भी आरोपित संबंधित महिला के पास भेजते थे। इसके बाद योजना के तहत आरोपित खुद को भारत के किसी हवाई अड्डे पर कस्टम टीम द्वारा पकड़े जाने की बात कहता था। इसी दौरान गिरोह की एक महिला कस्टम अधिकारी बनकर आरोपित की महिला दोस्त से संपर्क करती थी और विदेशी मुद्रा और आभूषण को रिलीज करने के लिए पैसे की मांग करती थी। यह रकम कस्टम ड्यूटी के नाम पर मांगी जाती थी। पैसे ट्रांसफर होते ही जालसाज नंबर बंद कर देते थे।

200 महिलाओं को बनाया शिकार

एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपित भारत और विदेश में रहने वाली महिलाओं के साथ बीते आठ साल से ठगी कर रहे हैं। शातिरों ने अबतक करीब 200 महिलाओं से ठगी की है। भारत के अलावा जालसाजों ने पुर्तगाल, स्वीडन और नीदरलैंड सहित अन्य देशों की महिलाओं के साथ भी ठगी की है। ठगी से मिले पैसे को आरोपित विभिन्न फर्जी खातों में ट्रांसफर कराने के बाद नाइजीरिया की करेंसी नायरा में परिवर्तित करा देते थे। शातिरों द्वारा प्रयोग किए जा रहे बैंक खातों में 1.25 लाख की धनराशि को फ्रीज कराया गया है।

एक ही गली के हैं आरोपित

एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि भूटान की कुंजगमो ने कुछ साल पहले नाइजीरिया के हैनरी से शादी की। अन्य पांचों आरोपित हैनरी के घर के पास ही एक गली में रहते हैं। महिला का पति कुछ समय पहले किसी काम से नाइजीरिया गया हुआ है। पांच आरोपित दनकौर कोतवाली क्षेत्र के जिस फ्लैट में रहते थे,उसका किराया 30 से 35 हजार रुपये है।

महिला पांचों से अलग दस हजार रुपये का कमरा लेकर रहती थी। जालसाज अलग-अलग देशों की महिलाओं से चैटिंग करते समय गूगल ट्रांसलेटर का इस्तेमाल करते थे। सिर्फ कुंजगमों को ही हिंदी आती है।

एआइयू को नहीं लगी भनक

नाइजीरियन गिरोह के जिन छह आरोपितों को दबोचा गया है,उसमें से दो आरोपित अपना पासपोर्ट और वीजा पुलिस को नहीं सौंप सके है। पुलिस के मुताबिक इस मामले को लेकर दोनों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। अगर दोनों के पास वैध वीजा और पासपोर्ट नहीं मिलता है तो यह लोकल इंटेलीजेंस की बड़ी नाकामी साबित हो सकती है।

डीसीपी का कहना है कि इस मामले में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। चीनी नागरिकों के प्रकरण में भी एआइयू की भूमिका पर सवाल उठे थे। जालसाज पहले दिल्ली रहते थे,करीब पांच माह पूर्व वह जिले में आए थे। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि बीते दिनों नोएडा की एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि विदेश में रहने वाले एक व्यक्ति ने उसके साथ योजना के तहत ठगी की है। तभी से पुलिस मामले की जांच कर रही थी।

कैमरे पर चिपकाते थे स्टीकर

जालसाज महिलाओं को इंटरनेट या गूगल से फोटो डाउनलोड कर भेजते थे। जालसाज कभी भी वीडियो काल नहीं करते थे। मोबाइल के कैमरे पर स्टीकर लगाकर रखते थे और महिलाओं को बताते थे कि उनके फोन का कैमरा खराब है। सभी फोन पर स्टीकर लगा मिला है।