
सूरज के सफर पर निकले आदित्य एल 1 ने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। अभी ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में ही है। लेकिन इसने अपना काम करना शुरू कर दिया है। इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर आदित्य-एल1 मिशन से जुड़ी ये अहम जानकारी पोस्ट के जरिए दी है।
इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया है कि आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक आंकड़े एकत्र करना शुरू कर दिया है। स्टेप्स उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है। यह डाटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है। यह आंकड़ा विभिन्न इकाइयों में से एक द्वारा एकत्र किए गए ऊर्जावान कणों के बारे में वातावरण की भिन्नता के संबंध में जानकारी देता है।
Aditya-L1 Mission:
Aditya-L1 has commenced collecting scientific data.The sensors of the STEPS instrument have begun measuring supra-thermal and energetic ions and electrons at distances greater than 50,000 km from Earth.
This data helps scientists analyze the behaviour of… pic.twitter.com/kkLXFoy3Ri
— ISRO (@isro) September 18, 2023
इसरो ने दो सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान राकेट से ”आदित्य” को लांच किया था। लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुई थी। यह मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा। ”आदित्य” सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के एल-1 की पास की कक्षा में पहुंचेगा। पांच साल के मिशन के दौरान एल-1 से ही सूर्य का अध्ययन करेगा।