
मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई। मोदी कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद अब बिल को संसद के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ट्वीट किया कि महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस केवल मोदी सरकार में था। कैबिनेट की मंजूरी से यह साबित हो गया है। पीएम मोदी और उनकी सरकार को बधाई।
कांग्रेस ने मोदी कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि अब इस फैसले का श्रेय लेने की कोशिशें भी तेज हो जाएंगी। सोशल मीडिया पर पोस्ट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहीं ना कहीं जताने की कोशिश की है कि इस फैसले के पीछे कांग्रेस का दवाब है।
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के… https://t.co/TylsHUogyb
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 18, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण के दौरान इस तरफ इशारा किया था। विशेष सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधन में भी पीएम मोदी ने ये कहा था कि सत्र ऐतिहासिक फैसले वाला होगा।
बिल पर कांग्रेस पहले ही सहमत हैं। हैदराबाद में CWC बैठक के भाषण में सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की थी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी महिला आरक्षण के समर्थन में हैं। रविवार को सर्वदलीय बैठक में भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई दलों ने भी इसका समर्थन किया था।
बताया जा रहा है कि सरकार 33 फीसदी महिला आरक्षण बिल लाएगी। बिल पास होने पर लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएंगी।