उमाकांत त्रिपाठी। राधा रानी की नगरी बरसाना में सोमवार शाम को 2 घंटे तक लट्ठमार होली खेली गई। नंदगांव के हुरियारे सज-धज कर पहुंचे। हुरियारिनों ने उन्हें लाठियों से खूब पीटा। वो हंसते हुए ढाल लगाकर बचते रहे। छतों से अबीर-गुलाल और रंग बरसा। श्रीजी मंदिर में 10 क्विंटल से ज्यादा रंग-गुलाल उड़े। हर तरफ राधा-कृष्ण के जयकारे गूंजे।
हेलिकॉप्टर से बरसाए फूल
सड़क और गलियां रंगों से सराबोर हो गईं। हुरियारिनों ने फाग गीत गाए। हेलिकॉप्टर से फूल भी बरसाए गए। हर ओर उत्सव सा माहौल रहा। भीड़ इतनी की पैर रखने तक की जगह नहीं थी। देश-विदेश के करीब 10 लाख श्रद्धालु इस उत्सव के साक्षी बने हैं। बरसाना के रहने वाले लोग नंदगांव से आये हुए हुरियारों को ठंडाई पिलाते हैं और मिठाई खिलाते हैं। इसके बाद वह उनसे होली खेलने का आग्रह करते हैं।
नंदगांव से आते हैं हुरियारे
नंदगांव से आए हुरियारे सबसे पहले बरसाना स्थित पीली पोखर पहुंचते हैं। जहां वह भगवान कृष्ण के स्वरूप में लाई गई पताका को स्थापित करते हैं। इसके बाद धोती और बगल बंदी पहनकर आये हुरियारे अपने सिर पर पगड़ी बांधते हैं। पगड़ी बांधने के साथ गाते-बजाते यह हुरियारे पहले श्री जी मंदिर पहुंचते हैं, जहां वह राधा रानी के दर्शन कर रंगीली गली आते हैं। यहां होती है लट्ठमार होली। इस दौरान हुरियारे लाठियों से खुद को बचाने के लिए अपने साथ लाई ढाल का प्रयोग करते हैं।