भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में सजा काट रहे नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होता है। दोषियों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
दूसरी ओर सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था।
नलिनी श्रीहर और आरपी रविचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट ने 17 जून को दोषियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। दोनों दोषियों ने अपनी याचिका में ए जी पेरारीवलन की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी.
जिनकी रिहाई का आदेश दिया गया है, उनमें नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है. तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं. राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया.