दिल्ली को लंदन-पेरिस बनाने का किया वादा, अब असम से करने लगे तुलना: CM हिमंत का केजरीवाल पर तंज

दिल्ली को लंदन-पेरिस बनाने का किया वादा, अब असम से करने लगे तुलना: CM हिमंत का केजरीवाल पर तंज
हिमंत विश्व शर्मा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा के बीच शुरू हुई ट्विटर वॉर रविवार को भी जारी है। मुख्यमंत्री हिंमत ने आज केजरीवाल के प्रस्तावित असम दौरे को लेकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘आज आप असम आने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल जी। मुझे दुख और अफसोस है कि आपकी ऐसी इच्छा तब नहीं जागती है, जब हमारे असम के लोग बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे होते हैं! और हां, आपके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी को तो असम से आमंत्रण भेजा ही जा चुका है।’

हिमंत विश्व शर्मा ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ‘आप दिल्ली को लंदन और पेरिस जैसा बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, याद है न केजरीवाल जी? कुछ नहीं कर पाए तो दिल्ली की तुलना असम और नॉर्थईस्ट के छोटे शहरों से करने लगे! यकीन मानिए, दिल्ली जैसा शहर व संसाधन BJP को मिले, तो पार्टी उसे विश्व का सबसे समृद्ध शहर बनाएगी।’

बुधवार को इस बात को लेकर शुरू हुई थी बहस

डिजिटल मंच पर दोनों नेताओं के बीच बहस बुधवार को तब शुरू हुई थी जब केजरीवाल ने ट्वीट किया कि स्कूल बंद करना कोई समाधान नहीं है और देश में और स्कूल खोलने की जरूरत है। उन्होंने असम में कुछ स्कूलों को बंद किए जाने का दावा करने वाली एक खबर साझा की। आप के मुखिया केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘हमारे यहां कहावत है। कोई पूछे ‘मैं कब आऊं’ और आप कहें ‘कभी भी आ जाओ’ इसका मतलब होता है ‘कभी मत आओ’। मैंने आपसे पूछा ‘आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊँ’ आपने बताया ही नहीं। बताइए कब आऊं, तभी आ जाऊंगा।’

CM शर्मा ने दिल्ली और असम के बीच बताया अंतर

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट शर्मा की ओर से शुक्रवार को दिए गए बयान के बाद किया। शर्मा ने सिलसिलेवार ट्वीट करके दिल्ली और असम के बीच अंतर बताया था और केजरीवाल का मजाक उड़ाया था। शर्मा का ट्वीट था, ‘प्रिय केजरीवाल जी, आपकी अज्ञानता दुखी करने वाली है। मैं आपकी मदद करता हूं। असम दिल्ली से 50 गुना बड़ा है। हमारे 44,521 स्कूलों में 65 लाख छात्र पढ़ते हैं और आपके यहां एक हजार से कुछ ही ज्यादा स्कूल हैं। हमारे यहां दो लाख से अधिक समर्पित शिक्षकों की फौज है और 1.18 लाख मध्याह्न भोजन के कर्मचारी हैं।’