शौर्य चक्र से सम्मानित विपिन रावत की हवाई दुर्घटना में मौत

शौर्य चक्र से सम्मानित विपिन रावत की हवाई दुर्घटना में मौत

तमिलनाडु के कन्नूर के पास हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर में सवार 11 अन्य लोगों की बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक दुर्घटना में मौत हो गई। भारतीय वायु सेना की ओर से भी इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी गई है। भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि हमें गहरे अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और विमान में सवार 11 अन्य लोग दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मारे गए हैं।

इंडियन एयरफोर्स की ओर से कहा गया है कि जनरल रावत आज स्टाफ कोर्स के छात्रों और अधिकारियों को संबोधित करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) के दौरे पर थे। भारतीय वायुसेना का एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टर उनको लेकर जा रहा था। इसमें सीडीएस व 9 अन्य यात्रियों और 4 सदस्यों का एक दल मौजूद था। हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक दुखद दुर्घटना का शिकार हो गया। इंडियन एयरफोर्स की ओर से जानकारी दी गई है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं।

गंभीर हालत में कराया गया है भर्ती
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को घायल अवस्था में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका वहां इलाज चल रहा है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को सैन्य हेलिकॉप्टर का बेहतरीन पायलट माना जाता है। उन्हें स्वतंत्रता दिवस समारोह 2021 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हल्के लड़ाकू विमान तेजस को एरियल इमरजेंसी के दौरान कुशलता से बचाया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम और दबाव प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार के बाद वे एलसीए तेजस को उड़ा रहे थे। इस दौरान काफी ऊंचाई कॉकपिट का प्रेसर फेल हो गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी सूझबूझ से विमान को लैंड कराया था।

प्रेशर को अच्छी तरह संभालते हैं वरुण सिंह
रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपनी सूझबूझ से एक बड़ी दुर्घटना को टाला था। उन्होंने अनुकरणीय संयम बनाए रखा था। उड़ान नियंत्रण प्रणाली के विफल होने के बाद भी असाधारण कौशल से उसे लैंड कराने में सफलता हासिल की। विमान में खराबी आने के बाद वे उसे छोड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने विमान को काफी जोखिम होने की आशंका के बाद भी लैंड कराया।

इससे स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए लड़ाकू विमान में दोबारा इस प्रकार की गड़बड़ी न होने और उचित उपाय खोजने के लिए सटीक विश्लेषण में मदद मिली। इस दौरान उन्होंने उच्च स्तर की व्यवसायिकता, संयम और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का परिचय दिया था। अपने जीवन के जोखिम पर भी उन्होंने न केवल एक एलसीए के नुकसान को टाला, बल्कि पब्लिक प्रॉपर्टी और अन्य लोगों की रक्षा की। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया।

रक्षा मंत्री ने की ग्रुप कैप्टन के जल्द ठीक होने की कामना
दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की अब शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घायल ग्रुप कैप्टन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि वेलिंगटन अस्पताल में इलाज करा रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शीघ्र स्वस्थ हों।

देवरिया के रहने वाले हें ग्रुप कैप्टन
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह यूपी के देवरिया जिला के रहने वाले हैं। शौर्य चक्र मिलने पर क्षेत्र के लोगों में खूब उत्साह देखा गया था। देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के कन्हौली गांव के रहने वाले विंग कमांडर वरुण सिंह ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम के दम पर शांतिकाल में सेना का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किया है। इस पर जिले के लोगों ने गर्व का अनुभव किया था। वह कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजा हैं।