केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अकादमिक क्षेत्र के विद्वानों और कृषि क्षेत्र के उद्यमियों वाले विशेषज्ञ समूह से कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक और जैविक खेती की व्यवहार्यता के बारे में वे एक रिपोर्ट तैयार करें जो आगे की नीति के लिहाज से मार्गदर्शक साबित हो।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि सोनोवाल ने परंपरागत तौर तरीकों और आधुनिक प्रौद्योगिकी के मेल के जरिए टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने की जरूरत पर भी बल दिया।
इसमें बताया गया कि केंद्रीय आयुष मंत्री को कृषि के वर्तमान तरीकों और उनके आर्थिक पहलू के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान जैविक, अकार्बनिक और प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा भी की गई।