केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) नारायण राणे ने आज पणजी में गोवा एमएसएमई अधिवेशन को संबोधित किया। बैठक का आयोजन लघु उद्योग भारती (एलयूबी) ने व्यापार, उद्योग और वाणिज्य विभाग, गोवा सरकार के सहयोग से किया था। इस कार्यक्रम को राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों का सबसे बड़ा जमावड़ा बताया गया है और यह एलयूबी के गोवा खंड की आधिकारिक शुरूआत है।
गोवा एमएसएमई अधिवेशन गोवा में एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन है, जिसका उद्देश्य नेटवर्क, संकल्प और ज्ञान साझा करने के एक मंच के रूप में कार्य करना है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम में ‘बिजनेस प्रोसेस ऑटोमेशन’ से लेकर ‘ब्रांड ड्रिवन ग्रोथ’ जैसे अनेक विषयों पर उद्योग के विशेषज्ञों के कई सत्र देखने को मिले। इस कार्यक्रम में, एलयूबी के गोवा खंड ने निर्यात बढ़ाने और राज्य में रोजगार पैदा करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले औद्योगिक क्लस्टर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने लघु उद्योग भारती को भारतीय अर्थव्यवस्था में गतिशीलता लाने के उनके निस्वार्थ प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि स्थिर आय उत्पन्न करने के लिए एक स्थायी उद्योग राज्य की एक परम आवश्यकता है और गोवा राज्य से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस योजनाएं बनाए कि औद्योगिक गतिविधि फलफूल रही है। उन्होंने सभी हितधारकों से एक साथ काम करने और राज्य की अर्थव्यवस्था में अधिक जीवंतता पैदा करने का आह्वान किया।
उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के लिए उच्च लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। यह देखते हुए कि राज्य में लगभग 96 प्रतिशत उद्योग सूक्ष्म श्रेणी में हैं, श्री नारायण राणे ने कहा कि इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। एमएसएमई एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गहरी दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नियमित रूप से एमएसएमई क्षेत्र की विकास दर के बारे में अपडेट लेते रहते हैं।
सभी सूक्ष्म उद्योगों को छोटी श्रेणी में बढ़ने और सभी छोटे उद्योगों को मध्यम श्रेणी में बढ़ने की चुनौती देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, हालांकि देश के अन्य राज्यों की तुलना में गोवा की प्रति व्यक्ति आय अधिक है, इसके नागरिकों को विकसित राष्ट्रों द्वारा प्राप्त स्तरों की बराबरी हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने राज्य में देखी गई समय की पाबंदी, ईमानदारी और अनुशासन की प्रशंसा की और गोवावासियों से इन शक्तियों को आकर्षित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को यह सोचना चाहिए कि वे भारत के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं जिससे देश को बाकी दुनिया के लिए एक चमकते उदाहरण के रूप में उभरने में मदद मिले।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे को उनकी सलाह और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई सभी विभिन्न योजनाओं और प्रोत्साहनों का उपयोग करें और अपने व्यवसाय और गोवा की अर्थव्यवस्था दोनों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने गोवा की पर्यटन पर निर्भरता को कम करने और उसके आर्थिक आधार में विविधता लाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तभी स्वयंपूर्ण गोवा का लक्ष्य और उसके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हकीकत में बदला जा सकता है।
इस अवसर पर एलयूबी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवींद्र सोनवणे, पंजाब नेशनल बैंक के कार्यकारी निदेशक विजय दुबे और बीएसई इंडिया में स्टार्टअप और एसएमई के प्रमुख अजय ठाकुर भी उपस्थित थे।