जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल तेज, विधान सभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ी

जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल तेज, विधान सभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ी
फाइल

कोरोना के दूसरे लहर के बीच जम्मू-कश्मीर को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार कश्मीर में कुछ बड़ा हो सकता है। जिसमें विधानसभा चुनाव होना भी संभव है। क्योंकि पीएम मोदी घाटी के सभी राजनीतिक दलों के साथ इसी महीने के अंत में एक अहम बैठक करने वाले हैं।

सरकारी अधिकारियों की मानें तो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत पीएम नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। 

यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भाग लेने की संभावना है।

माना जा रहा है कि आईबी और रॉय के भी टॉप अधिकारी शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को चर्चा के लिए आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

महबूबा ने शुक्रवार रात बताया कि उन्हें केंद्र से 24 जून को बैठक के लिए फोन आया था। उन्होंने कहा कि मैंने अभी फैसला नहीं किया है। मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से चर्चा करके अंतिम फैसला लूंगी। अब्दुल्ला और महबूबा दोनों तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

केंद्र के साथ बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि नई दिल्ली से कोई संदेश नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा।