भारत सरकार और ट्वीटर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि उसने करीब एक घंटे तक उनका अकाउंट ब्लॉक करके रखा। हालांकि बाद में ट्विटर ने उनके अकाउंट को फिर से खोल दिया।
रविशंकर प्रसाद ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद ट्वीटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इस मामले पर उन्होंने कहा, ”ट्विटर की कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4 (8) के घोर उल्लंघन में से एक थी. उन्होंने कहा कि अकाउंट ब्लॉक करने से पहले ट्विटर ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया.”
रविशंकर प्रसाद ने आगे लिखा, ”यह साफ झलक रहा है कि मैंने ट्विटर के अहंकारपूर्ण रवैये और मनमानी भरे कदमों के खिलाफ जो बयान दिए हैं उनकी वजह से और खासतौर पर टीवी चैनलों को इस बारे में दिए गए मेरे इंटरव्यू की क्लिप शेयर किए जाने और उनका जबरदस्त असर पड़ने की वजह से वे बौखला गए हैं.”
ट्विटर ने कहा है कि हम कॉपीराइट नियमों को बनाए रखने के लिए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इन नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले का अकाउंट सस्पेंड किया जा सकता है. अगर आपको अपना अकाउंट अनलॉक करवाना है तो ट्विटर के कॉपीराइट नियमों की समीक्षा करनी होगी.
कांग्रेस नेता और आईटी पर संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन शशि थरूर ने कहा है कि ट्विटर से इसका जवाब मांगा जाएगा. थरूर ने ट्वीट कर कहा, ”सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन के तौर पर मैं कह सकता हूं कि हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरा अकाउंट ब्लॉक करने और भारत में संचालन के नियमों और प्रक्रिया पर सफाई मांगेंगे.”
इस विवाद पर भारत के स्वदेशी ऐप कू के सीईओ अप्रमेय राधाकृष्णन ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि किसी भी उल्लंघन संबंधी जानकारी यूजर को भी दिया जाना बेहद जरूरी है. यूजर के पास भी अधिकार होना चाहिए कि वो दावे को स्वीकार या खारिज कर सके. बिना जानकारी दिए अकाउंट सस्पेंड करने का निर्णय दिखाता है कि सोशल मीडिया साइट फाइनल जजमेंट कर रही है.