महाराष्ट्र में दिन पर दिन हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसी को देखते हुए शाम को सीएम उद्धव ठाकरे ने एक सर्वदलीय बैठक की।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद रहें। बैठक में सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र के हालात ठीक नहीं हैं। अब फिर से लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है।
15 से 20 अप्रैल के बीच परिस्थितियां काफी खराब हो सकती है। इसलिए सब कुछ विचार करके उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का वक्त नजदीक आ गया है।
नेताओं के साथ बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना की चेन तोड़ना बेहद जरूरी है। टीका लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहें हैं। इसमें युवाओं की तादाद काफी ज्यादा है।
ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन जरूरी नहीं है, लेकिन अन्य देशों ने भी इस चेन को तोड़ने के लिए इसी तरह का निर्णय लिया है। इसलिए लॉकडाउन ही अब विकल्प है। कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है।
वहीं, कैबिनेट मंत्री बाला साहेब थोरात ने सीएम से लोगों की जान बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अगर लोगों की जान बचाने के लिए कड़े फैसले लेने पड़ें तो लेने चाहिए। हमें उसे स्वीकारना पड़ेग
इसी तरह, अशोक चव्हाण ने भी कहा कि अब कड़वे फैसले लेने का वक्त आ गया है। जो बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। लांकि चव्हाण ने यह भी कहा कि लॉकडाउन लगाया जाए लेकिन गरीबों के बारे में भी सरकार को सोचना पड़ेगा कि उनका घर परिवार कैसे चलेगा।
सरकार को कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए। चव्हाण ने कहा कि हमारी सरकार टेस्टिंग की संख्या किसी से छुपा नहीं रही है। ज्यादा टेस्ट होने से ही ये आंकड़े सामने आ रहे हैं।
बैठक में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने लॉकडाउन दोबारा लगाने का मुखर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि पिछला साल लोगों का खराब हुआ है। अब तक लोग बिजली का बिल भी नहीं भर पाए हैं। लोग कैसे जिएंगे। व्यापारी खत्म हो रहे हैं। सरकार को जनता की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।