तौकते तूफान में डूबे बॉर्ज P305 में रेस्क्यू जारी, 184 मिलें 75 अब भी लापता

तौकते तूफान में डूबे बॉर्ज P305 में रेस्क्यू जारी, 184 मिलें 75 अब भी लापता
राहत और बचाव कार्य

तौकते तूफान के कारण अरब सागर में डूबे बार्ज P-305 का रेस्क्यू अभियान जारी है। लापता लोगों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है। बुधवार तक P-305 बार्ज के 273 में से 184 लोगों को बचा लिया गया है। भारतीय नौसेना ने अबतक 14 शव मिलने की पुष्टि की है। 75 लोग अब भी लापता हैं। खराब मौसम के चलते नौसेना को रेस्क्यू चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। डीजी शिपिंग के सूत्रों को उम्मीद है कि P-305 के सभी क्रू सदस्यों ने लाइफ जैकेट पहनी हुई थी और जो लापता हैं, हो सकता है कि वे अभी भी पानी में तैर रहे हों।

बुधवार सुबह तक पी 305 के 184 सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इन्हें आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता के माध्यम के वापस मुंबई बंदरगाह लाया गया है। बाकी लापता लोगों का सर्च ऑपरेशन जारी है। इसके अलावा बाकी दोनों बार्ज और एक ऑयल रिग के सभी सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं। नौसेना के अनुसार, जीएल कंस्ट्रक्टर बार्ज के सभी 137 सदस्यों को नेवी और कोस्टगार्ड की मदद से मंगलवार को बचाया गया। बार्ज एसएस-3 के 196 सदस्य और ऑयल रिग सागर भूषण के 101 कर्मी भी सुरक्षित हैं।

राहत और बचाव कार्य

P-305 के सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मंगलवार को आईएनएस कोच्चि और कोलकाता के साथ तीन नौसेना जहाज- आईएनएस बीस, बेतवा और तेज जुड़ गए हैं। इसके अलावा P8I और नौसेना हेलिकॉप्टर हवाई खोज के लिए तैनात हैं। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों को अब तक बचाया गया है वे लाइफ जैकेट में थे और पानी में कई घंटों तक तैर रहे थे। ऐसे में लापता लोगों के भी लाइफ जैकेट में होने की उम्मीद बढ़ गई है।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि जैसे ही बार्ज P-305 के पानी में एक ओर झुकने के संकेत दिखे, वहां से निकासी के उपाय शुरू कर दिए गए थे। ताउते चक्रवात के टकराने से पहले ही कुछ क्रू सदस्य दूसरे बार्ज और जहाजों की मदद से 8 मई को ही P-305 से नीचे उतर गए थे। उस वक्त कुछ कारणों से बार्ज छोर तक पहुंचने में असमर्थ था। सूत्रों के अनुसार, ये क्रू मेंबर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, केरल और कर्नाटक से हैं।

पी-305 के अधिकतर कर्मियों को सी किंग हेलिकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू कर आईएनएस शिकरा में ट्रांसफर किया गया। वे चिकित्सा निगरानी में हैं। वाइस ऐडमिरल एमएस पवार ने मीडिया कर्मियों को बताया, ‘यह पिछले चार दशकों में सबसे चुनौतीपूर्ण सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में से एक है। कोविड स्थिति पर पवार ने बताया कि सभी डिफेंस पर्सनल वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं।’

सूत्रों ने कहा कि समुद्र काफी अशांत है। तेज हवाएं और ऊफान वाली लहरों से बचावकर्ताओं को मुश्किलें आ रही हैं। स्थिति की निगरानी करने वाले लोगों ने बताया कि समुद्र में तेज हलचल के कारण बार्ज से लोगों को रेस्क्यू जहाजों में ट्रांसफर करना एक चुनौती भरा काम हो गया है।

ओएनजीसी के अनुसार, P-305 बार्ज चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ की वजह से लंगर से खिसक गया था अनियंत्रित होकर समुद्र में बह गया था। यह एक ऐसा बार्ज है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है। बॉम्बे हाई और पश्चिमी तट से दूर हीरा फील्ड में ड्रिलिंग और एक्सप्लोरेशन के लिए बार्ज और ड्रिल शिप तैनात किए गए थे, जो ओनसीजी का मुख्य प्रोडक्शन बेस है और मुंबई से 70 किमी दूर है।

बता दें कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा ‘जीएएल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे। अधिकारियों के अनुसार, ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 और पी305 से 177 लोगों को बचा लिया गया ह