उमाकांत त्रिपाठी।
जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए हाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में सुरक्षा प्लान-2024 को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले हुए। इनमें जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिले में सक्रिय 25 से 30 आतंकियों के खात्मे और भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए पाकिस्तान से चलाए जा रहे 9 हजार से ज्यादा सोशल मीडिया हैंडलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
गृहमंत्री शाह की समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल थे। बैठक में 2024 के सुरक्षा प्लान से जुड़े 10 बिंदुओं पर सहमति बनी है। अभी सुरक्षा एजेंसियां गणतंत्रता दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। नई सुरक्षा नीति पर 26 जनवरी के बाद अमल होगा।
पुंछ और राजौरी से आतंकवादियों को खत्म करना तय हुआ
एक शीर्ष अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया है कि सबसे बड़ी प्राथमिकता पुंछ और राजौरी में सक्रिय 25 से 30 आतंकवादियों को खत्म करना तय हुआ है। इनमें से अधिकांश पाकिस्तान के हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इन दो जिलों में आतंकवाद विरोधी अभियान बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
आतंकी राजौरी और पुंछ जिलों में शिफ्ट हो गए हैं, क्योंकि ये नियंत्रण रेखा के करीब हैं। यहां कई प्राकृतिक गुफाएं हैं, जहां आतंकी छिपते हैं। सुरक्षा प्लान में इन जिलों में सभी प्राकृतिक और गुप्त ठिकानों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द नष्ट करने का निर्देश दिया गया है। 2023 में पुंछ और राजौरी जिलों में 25 से ज्यादा आतंकियों को मारा गया। वहीं, 19 जवानों शहीद हुए हैं।
भारत विरोधी 9 हजार मीडिया हैंडल बंद होंगे
पाकिस्तान से संचालित भारत विरोधी 9 हजार सोशल मीडिया हैंडलों को बैन किया जाएगा।
आतंकियों के मददगारों पर एजेंसियां शिकंजा कसेगी।
नए सुरक्षा प्लान में मानवीय इंटेलिजेंस पर जोर दिया गया है।
सीमाई क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ग्रामीणों को ट्रेनिंग देगी।
पाकिस्तान से संचालित भारत विरोधी 9 हजार सोशल मीडिया हैंडलों को बैन किया जाएगा।
आतंकियों के मददगारों पर एजेंसियां शिकंजा कसेगी।
नए सुरक्षा प्लान में मानवीय इंटेलिजेंस पर जोर दिया गया है।
सीमाई क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की जाएगी।
गांव सुरक्षा समितियों के लोगों को पुरानी राइफलों की जगह एसएसआर राइफलें दी जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ग्रामीणों को ट्रेनिंग देगी।
गृह मंत्री ने 2023 में भी की थी मीटिंग
गृह मंत्री शाह ने 13 जनवरी 2023 को भी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर हाई लेवल मीटिंग की थी। उन्होंने कहा था कि सभी सिक्योरिटी एजेंसियां मोदी सरकार के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाकर निर्णायक लड़ाई लड़ रही हैं।
साल 2023 में हुआ 76 आतंकियों का सफाया
जम्मू-कश्मीर में साल 2023 में 48 एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन्स के तहत 76 आतंकी मारे गए, जिनमें 55 विदेशी थे। DGP आर आर स्वैन ने 30 दिसंबर को जानकारी शेयर की थी।
साल 2023 में जम्मू-कश्मीर में 291 आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया। पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 201 ओवरग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
DGP स्वैन ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 2022 में आतंकी घटनाओं में 63 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल राज्य में 125 आतंकी घटनाएं हुई थीं और 2023 में यह आंकड़ा 46 रहा।
वहीं, 2023 में आतंकी भर्ती में भी 80 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। 2023 में यह संख्या 22 रही। साल 2022 में 130 स्थानीय लोग आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।