विकसित भारत संकल्प यात्रा में लाभार्थियों बोले PM मोदी- हमारी योजनाएं भारत को बनाएगी विकसित राष्ट्र

विकसित भारत संकल्प यात्रा में लाभार्थियों बोले PM मोदी- हमारी योजनाएं भारत को बनाएगी विकसित राष्ट्र

उमाकांत त्रिपाठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। यात्रा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि- मेरे लिए देश में सबसे बड़ी जातियां 4 हैं। अगर इनका भला हो गया तो पूरा समाज ही आगे बढ़ जाएगा। पीएम मोदी ने बताया कि उनके लिए गरीब, युवा, महिलाएं और किसान चार सबसे बड़ी जातियां हैं। वो इन चारों के लिए सबसे ज्यादा काम करते हैं। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य मौजूदा लाभार्थियों के अनुभवों से सीखना और उन लोगों को भी इसमें शामिल करना है, जिन्होंने अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठाया है।

अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे लाभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद है कि सभी योजनाओं का लाभ कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। किसी भी जाति का कोई भी हो, उन सभी को सशक्त करना है। उनके सपनों को उड़ान देना है. संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाना है। यात्रा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोगों तक सुविधाएं पहुंच रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प सिर्फ मोदी का या किसी सरकार का नहीं है, ये सबको साथ लेकर सबके सपनों को साकार करने का संकल्प है। ये आपके संकल्प भी पूरे करना चाहता है। ये आपकी इच्छाएं भी पूरी हों ऐसा वातावरण बनाना चाहता है। विकसित भारत संकल्प यात्रा उन लोगों तक सरकार की योजनाएं और सुविधाएं लेकर जा रही है जो अब तक इनसे छूटे हुए हैं, उनको जानकारी ही नहीं है और जानकारी है भी तो योजना तक कैसे जाना है ये पता ही नहीं है।

सेवा भाव से काम करती है सरकार

आज देश में जो सरकार है, वह जनता-जनार्दन को ईश्वर का रूप मानने वाली सरकार है। हम सत्ता भाव से नहीं, सेवा भाव से काम करने वाले हैं। पीएम मोदी ने नौजवानों से विकसित भारत का संकल्प बनने की अपील की। पीएम ने कहा कि ये जानकर दुख होगा कि देश की आधे से ज्यादा आबादी सरकारों से निराश हो गई थी। पहले लोगों का बैंक में खाता तक नहीं खुलता था, लोगों की उम्मीदें ही खत्म हो गईं थीं। जो लोग हिम्मत जुटाकर या फिर कुछ सिफारिश लगाकर स्थानीय सरकारी कार्यालय तक पहुंच जात थे, उनको भी रिश्वत देकर काम करवाना पड़ता था। सरकारें भी हर काम में अपनी राजनीति देखती थीं, उनको सिर्फ चुनाव और वोट बैंक नजर आता था। ये लोग वोटबैंक की ही राजनीति करते थे।