
उमाकांत त्रिपाठी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। गुरुवार की शाम ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म में गड़बड़ी आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था। दरअसल टनल के मलबे में स्टील रॉड होने के कारण बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ रहा है। इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित रखने और टनल में ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। टनल में फंसे मजदूरों को स्वस्थ रखकर टनल के रेस्क्यू को पूरा कराए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आज शाम या देर रात तक 41 मजदूरों को निकालने का अभियान पूरा हो सकता है। उधर सीएम धामी ने कहा है कि- रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है। पीएम मोदी लगातार मजदूरों के बारे में पूरी जानकारियां लेते हैं और समाधान पर चर्चा करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए काम कर रही हैं।
पीएम मोदी ने की सीएम धामी से बात
उत्तराखंड टनल दुर्घटना मामले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फ़ोन कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली है। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में पिछले 13 दिनों से फंसे मजदूरों को लेकर पीएम मोदी परेशान हैं। उन्होंने धामी को फोन कर राहत और बचाव अभियान पर अपडेट ली है। इसके साथ ही उन्होंने मजदूरों के निकाले जाने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाने और बाद में उन्हें घर भेजने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीएम को अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को बताया है कि उत्तरकाशी में अस्थाई कैंप बनाकर वह खुद बचाओ अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
आखिरी 14 मीटर की खुदाई बाकी
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी भी 2 पाइप और अंदर जाने हैं, अभी करीब 46.8 मीटर पर हैं और उम्मीद है की 6 मीटर का पाइप 51-52 मीटर तक पहुंच जाएंगे। अभी पाइप जोड़ने में करीब 2 घंटे का समय लगेगा, पिछले 24 घंटे में पाइप 1 मीटर भी नहीं गया है। सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू अभियान के आखिरी चरण में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने कमान संभाल ली है। बेंगलुरु से दो एडवांस ड्रोन मंगाए गए हैं। आखिरी फेज में बड़े स्तर पर दिक्कत आ रही है। इस कारण आखिरी 14 मीटर की खुदाई का काम बचा है।