उमाकांत त्रिपाठी। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका कर रख दिया. बीजेपी लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने जा रही है. इन नतीजों ने हरियाणा को लेकर तमाम एग्जिट पोल को भी गलत साबित कर दिया. एग्जिट पोल कांग्रेस की प्रचंड जीत नजर आ रही थी. हरियाणा में बीजेपी ने इतिहास यूं ही नहीं रचा, बल्कि इसके पीछे अमित शाह का एक पुराना फॉर्मूला है, जिसने हरियाणा में भी बीजेपी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
दरअसल, हरियाणा में बीजेपी पिछले 10 साल से सत्ता में थी. ऐसे में एंटी इंकम्बेंसी समेत तमाम मुद्दे ऐसे थे, जिनसे बीजेपी को नुकसान होता दिख रहा था. लेकिन बीजेपी ने हरियाणा चुनाव से 7 महीने पहले ऐसा दांव चला, जिससे कांग्रेस चारों खाने चित हो गई.
खट्टर को हटाना मास्टर स्ट्रोक
बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से 7 महीने पहले अचानक सभी चौंकाते हुए तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर को पद से हटा दिया. दरअसल, खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी ने 2019 में भी चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था. हालांकि, जेजेपी के समर्थन से बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही थी.
ये फॉर्मूला हुआ हिट
बीजेपी 2024 में कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी. इसलिए चुनाव से 7 महीने पहले खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी गई. बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव सैनी के नेतृत्व में लड़ा और जनता के सामने नया चेहरा लेकर उतरे. नतीजों से साफ होता है कि नायब सिंह सैनी पर जनता ने भरोसा जताया. बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल होती दिख रही है. अचानक चुनाव से पहले सीएम बदलना और नए चेहरे के साथ जनता के बीच उतरने का फॉर्मूला बीजेपी के लिए नया नहीं है. इससे पहले भी बीजेपी इस फॉर्मूले को कई राज्यों में अपना चुकी थी. वहां भी यह सफल रहा. बीजेपी ने यही प्रयोग उत्तराखंड, त्रिपुरा और गुजरात में भी किया था.