रमेश पोखरियाल (निशंक) की रणनीति आई काम: जिन 5 सीटों का मिला जिम्मा, वहां BJP की जबरदस्त जीत, केजरीवाल की सीट पर भी किया था कैंपेन

रमेश पोखरियाल (निशंक) की रणनीति आई काम: जिन 5 सीटों का मिला जिम्मा, वहां BJP की जबरदस्त जीत, केजरीवाल की सीट पर भी किया था कैंपेन

नई दिल्ली। दिल्ली में बीजेपी के 27 साल का वनवास अब खत्म हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी ने अबतक 5 सीट जीती है और 43 सीटों पर उसे बढ़त है यानी कुल 48 सीटें। आम आदमी पार्टी (AAP) भी 6 सीट जीती है, 16 सीटों पर आगे चल रही है यानी कुल 22 सीटें। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। इन सब में सबसे ज्यादा सुर्खियां पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बटोर रहे हैं। दरअसल उन्हें पार्टी ने चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। वो आलाकमान की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरु हुई थी। आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। AAP के अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए। हालांकि मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट पर चुनाव जीत गई हैं।

बीजेपी की रणनीति आई काम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ‘संगठन-84’ के जरिए बूथ स्तर तक पैठ बनाने की रणनीति पर काम किया था। बीजेपी ने हर जिले में भी एक नेता को प्रभारी बनाया था, यानी 14 जिलों में 14 नेताओं को प्रभारी बनाया गया था। इनमें से ही पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

आरके पुरम विधानसभा
कस्तूरबा नगर
नई दिल्ली
मालवीय नगर
ग्रेटर कैलाश

इन पांचों विधानसभाओं में बीजेपी जबरदस्त बढ़त की ओर है। नई दिल्ली में जहां, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा के बीच सीधा मुकाबला था, यहां अरविंद केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा है।

रमेश पोखरियाल निशंक की रणनीति आई काम
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एक साल पहले दिल्ली में बीजेपी का संगठन उतना मजबूत नहीं था, लेकिन रमेश पोखरियाल निशंक ने कड़ी मेहनत, बेहतर रणनीति और चुनावी मैनेजमेंट के जरिए अपनी पकड़ मजबूत बनाई। पोखरियाल ने बीजेपी ‘संगठन-84’ के जरिए बूथ स्तर तक पैठ बनाने की रणनीति पर काम किया। जिससे बीजेपी ने अपनी पुरानी कमजोरी को पार पा लिया।