उमाकांत त्रिपाठी।क्या शशि थरूर कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी के कमल की शरण में जाने वाले हैं. केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद को लेकर पिछले कई दिनों से ऐसी ही अटकलें सियासी गलियारे में तैर रही हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शशि थरूर ने जिस मजबूत से नरेंद्र मोदी सरकार का पक्ष रखा और अब उनके एक लेख ने इन अटकलों को और पंख लगा दिए. हालांकि शशि थरूर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी को गलत संदर्भ में लिया जा रहा है. शशि थरूर ने साफ किया कि लेख में की गई पीएम मोदी की तारीफ किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने की इच्छा नहीं, बल्कि देश की कूटनीतिक एकजुटता का समर्थन है.
थरूर ने कहा,कि- यह एक लेख है, जिसमें मैंने भारत की विदेश नीति के तहत की गई आउटरीच मुहिम की सफलता का जिक्र किया है. इसमें मैंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से संवाद में सक्रियता और ऊर्जा दिखाई है. इसमें बीजेपी या कांग्रेस की विदेश नीति जैसी कोई बात नहीं है, सिर्फ भारतीय विदेश नीति होती है.
जानिए- थरूर ने क्या कहा?
शशि थरूर ने यह भी कहा कि- वह 11 साल पहले जब संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष बने थे, तब भी यही बात कही थी. उन्होंने कहा, ‘यह बयान इस बात का संकेत नहीं है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी में शामिल हो रहा हूं. यह तो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है.
आपको बता दें कि – थरूर ने सोमवार को प्रकाशित एक लेख में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ऊर्जा, सक्रियता और संवाद की इच्छा भारत की वैश्विक मंच पर एक प्रमुख संपत्ति है, जिसे और समर्थन मिलना चाहिए.
PMO ने भी शेयर किया थरूर का लेख
यह लेख ‘द हिंदू’ अखबार में छपा था, जिसमें थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक सफलता को ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावशाली संवाद का प्रतीक’ बताया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने थरूर के इस लेख को X पर साझा करते हुए लिखा,कि- लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर का लेख – ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच से मिले सबक.’















