नागर में RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, 15 हजार कार्यकर्ता हुए शामिल; ये है सबसे बड़ा मुद्दा

नागर में RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, 15 हजार कार्यकर्ता हुए शामिल; ये है सबसे बड़ा मुद्दा

उमाकांत त्रिपाठी।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवा से नागपुर में शुरू हो गई है। ये बैठक 17 मार्च तक होगी। हर 3 साल में होने वाली ये मीटिंग इस बार 6 साल में हो रही है। कोरोना की वजह से 2021 में इसे टाल दिया गया था।
बैठक की शुरुआत सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने की। इन दौरान दोनों ने भारत माता की तस्वीर पर फूल चढ़ाए। यह बैठक नागपुर में रेशिम बाग स्मृति मन्दिर परिसर में हो रही है। इसमें 45 प्रांतों से 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता मौजूद हैं।

डॉ मनमोहन वैघ बोले
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि RSS के पहले सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने कहा था कि संघ सम्पूर्ण समाज का संगठन है। इसका अनुभव हम बीते 99 सालों से कर रहे हैं। साल 2017 से 2024 तक संघ कार्य के विस्तार का आकलन करने से इसकी व्यापकता ध्यान में आती है। देश के 99 प्रतिशत जिलों में संघ का कार्य चल रहा है।

बैठक का एजेंडा संदेशखाली की घटना
कयास लगाए जा रहे हैं कि मीटिंग का मेन एजेंडा लोकसभा चुनाव होगा, लेकिन मेन एजेंडा चुनाव नहीं, बल्कि संदेशखाली की घटना है।
RSS दूरगामी योजनाओं पर काम करता है। लोकसभा चुनाव पर 3 साल से चर्चा हो रही है। संघ के स्तर पर चुनाव की प्लानिंग बहुत पहले हो चुकी है और उसे जमीन पर भी उतारा जा चुका है। संघ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन है। इसलिए ये सिर्फ चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं होता। उसे समाज में जो बदलाव लाना होता है, उसकी योजना कई साल पहले बना ली जाती है।

बैठक में आने वाले बड़े प्रस्ताव
1. राम मंदिर जैसे धार्मिक आंदोलनों को राजनीतिक बनाने से रोकने पर चर्चा
बैठक का दूसरा बड़ा एजेंडा राम मंदिर होगा। कार्यक्रम शुरू होने से पहले भी संघ ने प्रेस ब्रीफिंग में इसकी चर्चा की थी। दरअसल, राम मंदिर दशकों से संघ के प्रमुख एजेंडे में था। उसके संगठन विश्व हिंदू परिषद की राममंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका रही। लिहाजा राम मंदिर आंदोलन के परिणाम और उसके पूरा होने पर चर्चा होगी।

2. VHP और RSS के बीच कोऑर्डिनेशन को और मजबूत बनाने का प्लान
सूत्र के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद और संघ के बीच कोआर्डिनेशन का काम सुरेश भैयाजी जोशी के जिम्मे है। अब कोऑर्डिनेशन को और मजबूत करने के लिए किसी एक पदाधिकारी की नियुक्ति होगी। वो विश्व हिंदू परिषद की हर बैठक और आयोजन में ऑब्जर्वर की तरह शामिल होगा।

3. मणिपुर में ग्राउंड जीरो पर काम की रणनीति बनेगी
नॉर्थ ईस्ट में संघ कई दशकों से एक्टिव है। मणिपुर भी इसमें शामिल है। संघ इस पर काम कर रहा है कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच में चल रही हिंसा और बॉर्डर पार से गैरकानूनी आवाजाही पर कैसे रोक लगे।

संगठन और शाखा का विस्तार
RSS ने 2023 में देशभर में 68 हजार शाखाएं लगाने का लक्ष्य रखा था। मीटिंग में शाखाओं की समीक्षा और आगे की रणनीति पर योजना बनेगी। शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख की जानी है। समाज के हर स्तर तक जाकर शाखा के विस्तार की योजना बनेगी।
महिलाओं की सक्रिय भूमिका और उनकी शाखाओं की प्लानिंग पर भी चर्चा होगी। महिलाओं के बीच संघ की पहुंच मजबूत करने के लिए भी शाखाओं को विस्तार देने की योजना पर कई साल से काम हो रहा है।