जदयू के आने से और मजबूत हुआ NDA:राज्यसभा में ताकत बढ़ी, 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को हैं चुनाव

जदयू के आने से और मजबूत हुआ NDA:राज्यसभा में ताकत बढ़ी, 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को हैं चुनाव

उमाकांत त्रिपाठी। बिहार में सत्ता में वापसी से NDA को 17वें राज्य में सरकार में आने का मौका मिला। साथ ही, राज्यसभा में भी मोदी सरकार बहुमत के आंकड़े के और पास पहुंच गई है। राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है। इनमें 6 खाली हैं। इस तरह प्रभावी संख्या 239 और बहुमत का आंकड़ा 120 है। भाजपा के 5 नामित समेत 94 सदस्य हैं। एनडीए के अन्य दलों को मिलाकर कुल संख्या 100 थी। जदयू के 5 सदस्यों का साथ अब यह 105 हो गई है। दूसरी ओर, अप्रैल में खाली हो रही 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होंगे। बिहार से 6 सदस्य रिटायर हो रहे हैं, जिनमें राजद और जदयू के 2-2 और भाजपा तथा कांग्रेस के 1-1 सदस्य हैं।

अब तीन सीटें जीत लेगा NDA
जदयू और भाजपा के साथ आने से दोनों पार्टियां आसानी से 3 सीटें जीत लेंगी। वहीं, छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रदर्शन के बल पर भाजपा अपनी मौजूदा 7 सीटें आसानी से जीत सकेगी। तेलंगाना में कांग्रेस को 2 सीटों का फायदा होगा। फिलहाल सदन में भाजपा 94 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि 30 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। तृणमूल कांग्रेस के 13, आप और डीएमके 10-10 और बीआरएस, वाईएसआरसीपी के 9-9 सदस्य तथा माकपा के 5 सदस्य हैं।

मजबूत होगा नैतिक बल
उत्तर प्रदेश में 10, बिहार-महाराष्ट्र में 6-6, मप्र-बंगाल में 5-5, गुजरात-कर्नाटक में 4-4, ओडिशा-तेलंगाना-राजस्थान व आंध्र में 3-3 सीटें शामिल हैं। हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ की 1-1 सीट के लिए भी चुनाव होंगे। 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से वोटिंग होगी और नतीजे भी उसी दिन आ जाएंगे। शुरू हो रहे बजट सत्र में जदयू सदस्य सत्ता पक्ष में बैठेंगे। इससे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के लिए भी ऊहापोह की स्थिति खत्म हो गई। वह जदयू के टिकट पर राज्यसभा में पहुंचे और फिर उपसभापति चुने गए। जदयू के अलग होने से उनकी स्थिति विचित्र हो गई थी। अब फिर से जदयू के सत्ता पक्ष में आने से उनका नैतिक बल मजबूत होगा।