राजस्थान में पेट्रोल पंप की किल्लत, 4 हजार पेट्रोल पंप हुए बंद; राज्य के लोग हुए परेशान

राजस्थान में पेट्रोल पंप की किल्लत, 4 हजार पेट्रोल पंप हुए बंद; राज्य के लोग हुए परेशान

उमाकांत त्रिपाठी।राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर रविवार को सुबह 6 बजे से प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर हड़ताल शुरू हो गई है। पेट्रोल-डीजल पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) की दरों में कमी की मांग को लेकर ये हड़ताल की जा रही है। हड़ताल 12 मार्च (सुबह 6 बजे) तक जारी रहेगी। कई जिलों के पेट्रोल पंप संचालक हड़ताल में शामिल नहीं हुए। जोधपुर, कोटा, भीलवाड़ा, अजमेर, जैसलमेर में पेट्रोल पंप खुले हैं।

सीकर में हुई 1 दिन की हड़ताल
वहीं, सीकर में केवल एक दिन की हड़ताल है। बंद पेट्रोल पंपों पर इमरजेंसी सर्विस से जुड़े वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन में डीजल और पेट्रोल नहीं भरा जा रहा।
जयपुर सहित इंटर स्टेट बॉर्डर वाले जिलों में हड़ताल का अधिक असर है। यहां से लोग यूपी, हरियाणा में पेट्रोल-डीजल भरवाने जा रहे हैं।

सितंबर के बाद गठित हुई थी कमेटी
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने 13, 14 और 15 सितंबर को भी हड़ताल कर सरकार से वैट में कटौती की मांग की थी।
सरकार ने कमेटी का गठन कर पेट्रोल पंप की हड़ताल को खत्म करवा दिया था। हालांकि, इस दौरान एसोसिएशन में एकमत नहीं होने के कारण कई शहरों में पेट्रोल पंप खुले भी थे।
ऐसा ही कुछ आज से शुरू हुई हड़ताल में भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 5 से ज्यादा शहरों के पेट्रोल पंप संचालक इस हड़ताल से बाहर हैं।

4 हजार से ज्यादा पंप बंद रहने का दावा
प्रदेशभर के पेट्रोल पंप संचालक 11 मार्च को जयपुर में सचिवालय का घेराव भी करेंगे। ताकि अपनी मांग को सरकार तक पहुंचा सकें।
भाटी ने बताया कि प्रदेश में लगभग 5800 पेट्रोल पंप हैं। हड़ताल के दौरान जयपुर, सीकर, पाली, श्रीगंगानगर सहित कई जिलों के 4000 से ज्यादा पंप बंद रहेंगे।
बढ़े हुए वैट की वजह से पेट्रोल पंप संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है। पिछले 7 साल से डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसकी वजह से राजस्थान में ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।