ऑस्ट्रेलियाई, भारत शिक्षा और कौशल की पहली बैठक: एक मंच पर आए इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के श‍िक्षामंत्री, स्किल डेवलपमेंट पर फोकस

ऑस्ट्रेलियाई, भारत शिक्षा और कौशल की पहली बैठक: एक मंच पर आए इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के श‍िक्षामंत्री, स्किल डेवलपमेंट पर फोकस

उमाकांत त्रिपाठी। ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (एआईईएससी) की पहली बैठक सोमवार को आईआईटी गांधीनगर में आयोजित हुई। ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा और कौशल परिषद (AIESC) साल 2011 में स्थापित एक द्वि-राष्ट्रीय निकाय है। इस मीटिंग की अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा मंत्री व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया सरकार के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर और ऑस्ट्रेलिया सरकार के कौशल और प्रशिक्षण मंत्री ब्रेंडन ओ’कॉनर शामिल हुए। ये बैठक दोनों देशों के बीच एजुकेशन और ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जाती है।

अब एक मंच पर शिक्षा और कौशल

यह पहली बार है जब शिक्षा और कौशल को एक ही संस्थागत मंच के तहत लाया जा रहा है। इस बैठक से शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में में सहयोग, भागीदारी और तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बैठक अकादमिक और कौशल विशेषज्ञों को पारस्परिक रूप से सम्मत प्राथमिकताओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी, जिसका अंतिम उद्देश्य दोनों देशों में शिक्षा और कौशल के भविष्य को आकार देना है। इसके तहत मंत्री प्रमुख संस्थानों का दौरा करेंगे। इसमें क्रिएटिव लर्निंग सेंटर, आईआईटी गांधीनगर का दौरा शामिल है। दोनों देश के मंत्री पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (PDDU) और विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) का भी दौरा करेंगे।

क्या है AIESC

AIESC साल 2011 में स्थापित एक द्वि-राष्ट्रीय निकाय है, इस मंच का दायरा दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप बढ़ाया गया ताकि शिक्षा के साथ-साथ कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर्राष्ट्रीयकरण, दो-तरफा गतिशीलता और सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। यह एक संस्थागत सेटअप है जो शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रमुख स्टॉकहोल्डर्स द्वारा डेटा-बेस्ड निर्णय लेने और कार्रवाई को बढ़ाने के लिए एकीकृत काम करेगा। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में धर्मेंद्र प्रधान और जेसन क्लेयर एमपी द्वारा डीकिन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग परिसरों और भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय परिसरों की गिफ्ट सिटी साइट के दौरे शामिल भी हैं।