उमाकांत त्रिपाठी।देवरिया में एक नई-नवेली दुल्हन ने ससुराल में 20 मिनट रहने के बाद पति के साथ रहने से इन्कार कर दिया। दुल्हन ने अपना यह फैसला घर के आंगन में सुनाया, उस वक्त वहां रिश्तेदार और परिवार की तमाम महिलाएं मौजूद थीं। महिलाएं भौचक रह गईं। पहले तो लोगों को उसकी बातों पर भरोसा नहीं हुआ।
सवाल पूछा- क्या हुआ? फिर दुल्हन ने अपनी बात दोहराई। कहने लगी कि उसे पति के साथ नहीं रहना है। सुसराल वालों ने लड़की को खूब मनाया। उसके इस फैसले की वजह पूछी। लेकिन दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही।
लड़के वालों ने दुल्हन के घरवालों को बुलाया। गांव में दोनों परिवारों के बीच पांच घटे पंचायत चली। सभी समझाते रहे, लेकिन लड़की नहीं मानी। पंचायत में ही लिखा-पढ़ी के बाद दोनों ने अलग रहने के फैसला किया और एक पेपर पर साइन कर संबंध खत्म कर लिए।दूल्हे ने दहेज में मिले सभी सामान वापस कर दिए। इसके बाद दुल्हन सुहागरात से पहले ही मायके लौट गई। दूल्हे ने कहा- पूरे परिवार की इज्जत मिट्टी में मिल गई।
6 महीने पहले तय हुई थी शादी देवरिया के भलुआनी में हर्ष चंद्र मद्धेशिया का घर है। घर में बेटा और पत्नी रहती हैं। हर्ष चंद्र की जनरल स्टोर की दुकान है। इसी दुकान पर बेटा विशाल भी बैठता है। 6 महीने पहले विशाल की शादी सलेमपुर की पूजा मद्धेशिया से तय हुई थी।25 नवंबर की शाम 7 बजे विशाल पूजा के घर बारात लेकर पहुंचा। वहां बारातियों का स्वागत हुआ। द्वार पूजा हुई। फिर जयमाल और रात में शादी की सारी रस्में हुईं।
ससुराल में 20 मिनट रहकर कमरे से बाहर निकली अगले दिन 26 नवंबर को पूजा विदा होकर भलुआनी अपने ससुराल पहुंची। यहां दुल्हन के स्वागत की सारी रस्में की गईं। पूजा घर में अपने कमरे में गई और 20 मिनट बाद ही बाहर निकल आई। उसने अपना फैसला सुनाया और पति विशाल से कहा- मैं आपके साथ नहीं रहूंगी। विशाल ने कारण पूछा तो उसने चुप्पी साध ली।
दूल्हे विशाल ने कहा कि- पहले बता देती तो शादी नहीं करता विशाल ने बताया- जब से शादी तय हुई, सबकुछ ठीक था। हमारी बात भी होती थी। लेकिन पूजा ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा, जिससे यह लगे की वह शादी नहीं करना चाहती। धूम-धाम से शादी हुई। घर में सब इतना खुश थे। लेकिन पूजा ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। उसे अगर यह शादी मंजूर नहीं थी तो पहले भी हमसे बता सकती थी। लेकिन उसने दोनों परिवारों की इज्जत मिट्टी में मिला दी।















