तेलंगाना में पीएम मोदी की धुंआधार रैली, बोले- अब केसीआर के रिश्तेदार ही उन्हें कोस रहे हैं

तेलंगाना में पीएम मोदी की धुंआधार रैली, बोले- अब केसीआर के रिश्तेदार ही उन्हें कोस रहे हैं

उमाकांत त्रिपाठी। तेलंगाना विभानसभा चुनाव के लिए प्रचार के बस दो ही दिन बचे हैं और इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के अलग-अलग जिलों में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने करीमनगर में रैली की। करीमनगर की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना में बीआरएस की नाव डूबने वाली है और उन्हें ये एहसास हो चुका है कि 3 दिसंबर को उसका टिकट कट जाएगा। ये देखकर KCR के परिवार में भी बिखराव शुरू हो चुका है। अपनी हार सामने देख KCR पूरी ताकत लगा रहे हैं कि जनता का आक्रोश थोड़ा ठंडा हो जाए। वहीं दूसरी तरफ KCR के रिश्तेदार अब BRS को ही कोस रहे हैं। पीएम मोदी ने कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को परिवारवाद पार्टी करार देते हुए कहा कि इस तरह की पार्टिंयां कानून-व्यवस्था को भी बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तब हर दिन बम धमाके होते थे। आज भी कांग्रेस जहां सत्ता में है वहां पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों को बढ़ावा मिलता है।

केसीआर ने किया करोड़ों का भ्रष्टाचार

इस दौरान पीएम मोदी ने दावा किया कि- तेलंगाना में पहली बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। हम अब तेलंगाना को उसके भाग्य पर नहीं छोड़ सकते. अब हमें अपने सपनों का तेलंगाना बनाना है। इसके लिए सिर्फ बीजेपी की जरूरत है। कांग्रेस को वोट यानी फिर से KCR की सरकार आने की संभावना है। इनको सत्ता से बाहर करने का एक ही तरीका है, कमल का बटन दबाना और BJP का CM बनाना। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये क्षेत्र धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन KCR ने किसानों को पानी देने के नाम पर भी करोड़ों का भ्रष्टाचार किया. कालेश्वरम प्रोजेक्ट के साथ क्या-क्या हुआ, ये आज पूरा देश जानता है।

बीआरएस-कांग्रेस एक दूसरे के पूरक- मोदी

पीएम मोदी ने केसीआर और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और KCR ने लोगों को धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ा. जब कोई परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण का नाम लेता है, तो तुरंत BRS और कांग्रेस जैसे दल ही दिखते हैं। आपको बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान मंगलवार शाम थम जाएगा और 30 नवंबर को 119 सीटों पर मतदान होगा। केसीआर सत्ता की हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं तो कांग्रेस 15 साल बाद सरकार में आने के लिए मशक्कत रही है। कांग्रेस और बीआरएस के बीच होते मुकाबले को बीजेपी ने त्रिकोणीय बना दिया है।