उमाकांत त्रिपाठी। हाल ही में भारत ने मिशन चंद्रयान 3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा था। इस सफलतापूर्वक लैंडिग को कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना था। इस मुश्किल हिस्से पर लैंडिंग करा के जहां भारत ने इतिहास रचा तो अब वहीं इसरो ने अपने भविष्य को लेकर योजनाएं भी स्पष्ट कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2035 तक अंतरिक्ष में भारतीय केन्द्र स्थापित करने की दिशा में काम करने की बात कही है। तो वहीं इसरो के साइंटिस्ट की तरफ से ये बताया गया कि शुक्र पर मिशन भेजने और मंगल पर लैंडर उतारने की दिशा में काम किया जाएगा।
2025 में गगनयान प्रक्षेपण, 2040 तक चांद पर इंसान
हाल में भारत ने मिशन चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रच दिया. इस मुश्किल हिस्से पर सफलतापूर्वक लैंडिग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया. भारत से पहले किसी भी देश को चांद के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग कराने में सफलता नहीं मिल पाई थी. इस लिहाज से ये देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.
27 साल आगे का ISRO का क्या है प्लान
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इसरो के आगे का प्लान बताया है। सोमनाथ ने कहा कि- मैं प्रत्येक वैज्ञानिक और इंजीनियर और तकनीशियनों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उन कर्मियों की ओर से बैंगलोर विश्वविद्यालय के प्रेम और स्नेह की भावना के साथ प्रदान की गयी मानद उपाधि स्वीकार करता हूं। जिन्होंने हाल में चंद्रयान के साथ ही आदित्य-एल1 जैसे मिशन के जरिए भारत को गौरवान्वित किया है। अब भारत अगले मिशन में जुट गया है। साल 2040 तक भारत ने इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य बनाया है। पीएम मोदी ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक बैठक के दौरान इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ और दूसरे वैज्ञानिकों को इस पर काम करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान मिशन की समीक्षा बैठक की थी।
जब पूरी दुनिया की नजरें हम पर टिक गईं थी
14 जून को चंद्रयान 3 मिशन भारत की तरफ से लॉन्च किया गया था और 23 अगस्त 2023 की शाम को पूरी दुनिया की सांसें टेलीविजन स्क्रीन के सामने एक तरह से थम गई थी जब चंद्रयान का लैंडिंग कराया जा रहा था। इससे पहले, साल 2019 में चंद्रयान 2 सफल नहीं हो पाया था। इस उपलब्धि को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि- चंद्रयान-3 ने एक ऐसी उपलब्धि दिखायी है जो हमारे देश में विकसित प्रौद्योगिकी द्वारा संभव हुई है। मुझे लगता है कि भारत की शक्ति को दुनिया के सामने लाने के लिए यह निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है।