
उमाकांत त्रिपाठी।Pragati Platform: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसी टेक्नोलॉजी या यूं कहें कि एक सिस्टम इस्तेमाल करते हैं, जिससे पूरे देश पर उनकी नजर होती है। इस प्लेटफॉर्म का नाम प्रगति ( (Pragati: प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) है। देश की संसद में पीएम मोदी ने खुद इसके बारे में बताया है। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि वो इस प्लेटफॉर्म के जरिए हरेक प्रोजेक्ट की डिटेल्ड मॉनिटरिंग करते हैं। अलग अलग विभागों में अटकीं फाइलों को देखते हैं और सारी चीजों का रिव्यू करते हैं।
पीएम मोदी पिछले दिन राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। उस दौरान उन्होंने कांग्रेस के पिछले शासनकाल की नाकामियों को गिनाया और कहा कि- वो कांग्रेस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए प्रगति प्लेटफॉर्म की व्यवस्था लेकर आए। राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने जानकारी दी कि ‘वो खुद प्रगति प्लेटफॉर्म (Pragati Platform) के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स की डिटेल मॉनिटरिंग करते हैं। कभी ड्रोन से भी उस एरिया की वीडियोग्राफी और लाइव इंटरेक्शन करते हैं। पीएम मोदी बताते हैं कि- वो इसमें काफी इन्वॉल्व रहते हैं।
अटके पड़े थे 19 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट-पीएम मोदी
पीएम मोदी कहते हैं कि-करीब-करीब 19 लाख करोड़ रुपये के ऐसे जो प्रोजेक्ट अटके पड़े हुए थे, किसी न किसी कारण से, राज्य और केंद्र का कॉर्डिनेशन नहीं होगा, एक विभाग का दूसरे विभाग से कॉर्डिनेशन नहीं होगा, फाइलों में कहीं लटका पड़ा होगा। इन सारी चीजों का रिव्यू करता हूं।’ प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में जानकारी दी कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने उस पर स्टडी की, उस प्रगति पर, हमारी पहल पर और बहुत बड़ा ये कि उसने अच्छी रिपोर्ट दी और उसमें उसने एक बहुत बड़ा सुझाव दिया। उनसे कहा है, प्रगति के पहल के बारे में कहा।
जानें-आखिर क्या है ये प्रगति प्लेटफॉर्म?
प्रगति एक अनूठा इंटीग्रेटेड और इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य आम आदमी की शिकायतों का समाधान करना और साथ ही भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं के साथ-साथ राज्य सरकारों की ओर से चिह्नित परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2015 में प्रगति प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया। इस सिस्टम की डिजाइनिंग प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम ने नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की मदद से की। प्रगति नाम प्रोएक्टिव गवर्नेंस और टाइमली इम्प्लीमेंटेशन की संस्कृति शुरू करने के उद्देश्य से रखा गया।
जानिए-प्रगति की प्रमुख विशेषताएं
ये तीन स्तरीय (पीएमओ, केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों) सिस्टम है।
प्रधानमंत्री इससे डाटा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ संवाद करते हैं।
प्रधानमंत्री के सामने लोक शिकायत, चालू कार्यक्रम और लंबित परियोजनाओं से संबंधित मामले उपलब्ध डाटाबेस से आते हैं।
ये सिस्टम शिकायतों, परियोजना निगरानी ग्रुप (पीएमजी) और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के लिए CPGRAMS डाटाबेस को मजबूती देता है। साथ ही सभी तीन पक्षों को एक मंच देता है।उठाए जाने वाले मामले प्रगति दिवस यानी हरेक महीने के तीसरे बुधवार से 7 दिन पहले अपलोड किए जाते हैं।
ऐप्लीकेशन के उपयोग के साथ ही केंद्र सरकार के अलग-अलग सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव मामलों को देख सकते हैं।
केंद्र सरकार के प्रत्येक सचिव और राज्यों के मुख्य सचिवों के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड बन होते हैं।
केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव अपने विभाग/राज्य से संबंधित विषय को देख सकते हैं।
केंद्र सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को मामला सामने आने के 3 दिन के अंदर यानी अगले सोमवार को मामले पर अपनी राय और ताजा कार्रवाई की जानकारी देनी होती है।
एक दिन यानी मंगलवार प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए उपलब्ध होता है, ताकि केंद्र सरकार के सचिवों और राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों की ओर से भरे गए डाटा की समीक्षा की जा सके।