उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2021 की आहट तेज हो गई है। करीब 4 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी की शुरुआत में ही मतदान की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इसी बीच सभी सियासी दल अपनी-अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं.
राज्य की योगी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले मंत्रिमंडल विस्तार करके एक बड़ा संदेश दिया है। यूपी मंत्रिमंडल में एक कैबिनेट मंत्री और छह राज्यमंत्रियों के रूप में सात नए चेहरों को को जगह मिली है.
2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुए विस्तार में पिछड़े, दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समीकरण को साधा है. इसके अलावा पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल को जगह देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश गई है.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में जितिन प्रसाद को शपथ दिलाई. जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. जितिन हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. वे मनमोहन सिंह की केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
राज्यमंत्री के रूप में छत्रपाल गंगवार (कुर्मी), पलटूराम (जाटव), संगीता बलवंत बिंद (निषाद), संजीव कुमार गोंड (अनुसूचित जनजाति), दिनेश खटीक (सोनकर), धर्मवीर प्रजापति (प्रजापति समाज), छत्रपाल सिंह गंगवार (कुर्मी) को राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.