नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए लगा दिग्गजों का जमावड़ा, आंसू रुक नहीं रहें

नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए लगा दिग्गजों का जमावड़ा, आंसू रुक नहीं रहें

सपा संस्थापक और यूपी के तीन बार के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहें। उनका लंबी बीमारी के बाद सोमवार को गुरुग्राम के मेंदाता में निधन हो गया। वे 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मौत से लड़ते रहें। आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ नेताजी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया जा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। कल उनके पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए सपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव आजम खान भी पहुंचे। उनके साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी थे।

आजम खान के पहुंचते ही मुलायम सिंह का पूरा परिवार फूट-फूट कर रोने लगा। बता दें कि आजम खान खुद भी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, लेकिन नेताजी के साथ उनका गहरा लगाव था। मुलायम सिंह के निधन के बाद आमज खान सर गंगाराम अस्पताल से अपने घर रामपुर पहुंचे।

इसके बाद सैफई के लिए रवाना हो गए। उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान अखिलेश यादव उन्हें सहारा देते नजर आए। आपको यह भी बता दें कि आजम खान सपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं। यूपी में जब-जब सपा की सरकार बनी है, आजम खान ने बडे-बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है।

2 अक्तूबर से आईसीयू में थे मुलायम
मुलायम सिंह यादव को अगस्त में मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। दो अक्तूबर को निम्न रक्तचाप और ऑक्सीजन की कमी की शिकायत पर उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रेफर किया गया था।

अमित शाह ने अस्पताल जाकर दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल जाकर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। यादव को उन्होंने अद्वितीय राजनीतिक कौशल का धनी बताया और कहा कि आपातकाल के दौर में उन्होंने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए बुलंद आवाज उठाई। शाह ने मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव सहित उनके परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘मुलायम सिंह यादव के निधन से उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा खालीपन आया है। वह सदैव एक जमीन से जुड़े जननेता के रूप में याद किए जाएंगे। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है।