उज्जैन में उत्सव का माहौल, पीएम करेंगे गलियारे के पहले चरण का उद्घाटन

उज्जैन में उत्सव का माहौल, पीएम करेंगे गलियारे के पहले चरण का उद्घाटन

देश दुनिया के करोड़ों भक्त महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना को लेकर उत्सुक हैं और महाकाल लोक में प्रवेश करने की बाट जोह रहे हैं।

उज्जैन में होने वाले भव्य उत्सव के माहौल के बीच, पीएम मोदी यहां 856 करोड़ रुपये की लागत वाली महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना से मध्य प्रदेश की इस तीर्थ नगरी में पर्यटन को खासा बढ़ावा मिलने की संभावना है।

स्थानीय भक्तों के साथ ही पिछले कुछ दिनों में लंबी दूरी तय कर यहां आए श्रद्धालु महाकाल लोक गलियारे में प्रवेश करने और महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की पूजा अर्चना करने को उत्सुक हैं। इस मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

कोटा की एक निजी कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक मोहित द्विवेदी कुछ दिन पहले दशहरा के अवसर पर अपने परिवार के साथ यहां आए थे और उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन किए।

उन्होंने पत्रकारों से पीटीआई-भाषा से कहा, “मैं आखिरी बार 2019 में, कोविड महामारी शुरू होने से पहले उज्जैन आया था। और, हालांकि, नया गलियारा अभी तक आम लोगों के लिए नहीं खुला है लेकिन हमें दूसरी तरफ से इसकी एक झलक देखने को मिली। यह एक अच्छा बदलाव है।”

उन्होंने बताया कि “हम एक बार फिर मंदिर की यात्रा करेंगे, गलियारा के आम लोगों लिए खुल जाने के बाद। इस परियोजना से न केवल उज्जैन में, बल्कि इंदौर जैसे पड़ोसी नगरों में भी पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलने की संभावना है।’’

पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात, दादर एवं नगर हवेली के साथ ही मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु मंदिर के दर्शन कर रहे हैं तथा वे अंदर से गलियारे को देखकर रोमांचित हैं।

मंदिर के दर्शन करने वालों में छिंदवाड़ा के मूल निवासी बिहारी पवार भी शामिल हैं। उन्होंने अपनी पत्नी शैल कुमारी और भाई उमेश पवार के साथ मंदिर के दर्शन किए। उज्जैन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हाल ही में एक निर्माण स्थल पर काम करने के लिए यहां उज्जैन आया हूं। इसलिए मेरी पत्नी और भाई ने महाकालेश्वर मंदिर जाने का फैसला किया। हम पहली बार उज्जैन आए हैं और इस प्रकार पहली बार हमने मंदिर के दर्शन किए।

करीब 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक गलियारा पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, 910 मीटर का ये पूरा महाकाल मंदिर इन स्तंभों पर टिका होगा।

दो भव्य प्रवेश द्वार, बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की एक आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्रों की एक श्रृंखला ‘महाकाल लोक’ की शोभा बढ़ाएंगे।

गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग का मनोरम दृश्य पेश करता है।