अप्रैल 2022-फरवरी 2023 के दौरान कोयले का उत्पादन 784.81 मिलियन टन पहुंचा;

अप्रैल 2022-फरवरी 2023 के दौरान कोयले का उत्पादन 784.81 मिलियन टन पहुंचा;

कोयला मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022-फरवरी 2023 के दौरान भारत में कोयला उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022 की इसी अवधि के दौरान उत्पादित 681.5 मिलियन टन की तुलना में उल्लेखनीय रूप से 15.10 प्रतिशत बढ़कर 784.41 मिलियन टन (एमटी) पहुंच गया है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्तीय वर्ष 2023 के फरवरी तक वित्तीय वर्ष 2022 की इसी अवधि के दौरान 542.38 मिलियन टन की तुलना में 619.70 मिलियन टन का उत्पादन दर्ज किया, जो कि 14.26 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

Ujjain, Oct 11 (ANI): Prime Minister Narendra Modi performs Darshan and Pooja at Shree Mahakaleshwar Temple, in Ujjain on Tuesday. (ANI Photo)

कोयला मंत्रालय ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करके बाजार में अतिरिक्त कोयला जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे वित्तीय वर्ष 2022 की इसी अवधि के दौरान उत्पादन 80.55 मिलियन टन की तुलना में अप्रैल 2022-फरवरी 2023 के दौरान कैप्टिव और अन्य कंपनियों द्वारा उत्पादन में 29.83 प्रतिशत के साथ 104.58 मिलियन टन (अनंतिम आंकड़ा) की वृद्धि हुई है। मंत्रालय ने एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में भी संशोधन किया ताकि अंतिम उपयोग संयंत्रों की आवश्यकता को पूरा करने के बाद कैप्टिव खानों के पट्टेदार को कुल अतिरिक्त उत्पाद का 50 प्रतिशत तक कोयला/लिग्नाइट को बेचने की अनुमति दी जा सके।

कोयले की तेजी से निकासी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय पीएम गति शक्ति के तहत सभी प्रमुख खानों के लिए रेल संपर्क से संबंधित बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है। परिणामस्वरूप, कुल कोयले की ढुलाई वित्तीय वर्ष 2022 की इसी अवधि के दौरान 740.96 मिलियन टन ढुलाई रही जबकि अप्रैल 2022-फरवरी 2023 के दौरान 793.86 मिलियन टन (अनंतिम आंकड़ा) ढुलाई की गई, जोकि 7.14 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में कोयले की ढुलाई की निरंतर और पर्याप्त मात्रा को दर्शाता है।

कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से मंत्रालय ने वाणिज्यिक नीलामी के लिए 141 नए कोयला ब्लॉक रखे हैं और वह विभिन्न कोयला कंपनियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है। इसलिए घरेलू उत्पादन और ढुलाई ने बहुत अच्छे परिणाम दिखाए हैं।