उमाकांत त्रिपाठी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया की शुरुआत की है। स्कूलों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा बनाई गई पीएम श्री योजना का मकसद देशभर के हजारों स्कूलों को विकसित करना है। प्रधान ने इस राज्य के 63 केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर द नेशन ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत करने के मौके पर कहा कि- यह हर किसी की जिम्मेदारी है, हम इस योजना के तहत ओडिशा के सभी बच्चों के भविष्य को बेहतर आकार देने की कोशिश करेंगे। राज्य में पहले चरण में 97 केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में से यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित 63 संस्थानों में लागू की जाएगी।
धर्मेंद्र प्रधान ने कसा सीएम पटनायक पर तंज
इस योजना की लॉन्चिंग के मौके पर प्रधान ने कहा कि- इस योजना का मकसद बच्चों के कौशल को बढ़ाना और कला, साहित्य और विज्ञान में उनके वैज्ञानिक स्वभाव और रचनात्मकता को बढ़ाने का है। उन्हें राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि- सभी राज्यों को प्रतिस्पर्धी आधार पर स्कूलों को केंद्र में भेजना जरूरी है लेकिन ओडिशा सरकार ने केंद्र के साथ पीएम श्री योजना को लेकर कोई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किया है। मैंने योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र भी लिखा है लेकिन राज्य सरकार कुछ वजहों से जवाब नहीं दे रही है। कुछ राज्य राजनीतिक कारणों से कार्यक्रम को लागू नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि- अगर राज्य सरकार इस योजना को लागू करती है, तो प्रत्येक ब्लॉक और नगर निगम में दो पीएम एसएचआरआई स्कूल स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार प्रत्येक स्कूल को 2 अरब रुपये का अनुदान देने के लिए जिम्मेदार होगी। ओडिशा में लगभग 800 सरकारी स्कूलों को पीएम एसएचआरआई स्कूलों के रूप में विकसित किया जाएगा और अगले पांच सालों में 1,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट दिया जाएगा।
क्या है पीएम श्री योजना?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सात सितंबर, 2022 को ‘पीएम श्री’ योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत देश में कम से कम 15000 PM श्री स्कूल स्थापित किए जाएंगे, जबकि 500-600 PM श्री स्कूल ओडिशा में स्थापित किए जाएंगे। NEP 2020 के अनुरूप इस केवी में बाल वाटिका शुरू की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगी। ओडिशा में पहले चरण में 97 केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में से यह योजना केंद्र द्वारा संचालित 63 संस्थानों में लागू की जाएगी।