कश्मीर को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले- इन 3 परिवारों ने धोखा किया

कश्मीर को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले- इन 3 परिवारों ने धोखा किया

उमाकांत त्रिपाठी। शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया। अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिल पेश किए। इनमें जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि- 70 सालों से जिन पर अन्याय हुआ जो अपमानित हुए हैं। इस बिल से उन लोगों को अपना अधिकार मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस बिल से कश्मीरी विस्थापितों के लिए दो सीटें आरक्षित करने का फैसला किया गया है।

लागू करेंगे जीरो टेरर प्लान-शाह

370 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विलय में देरी पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण हुई। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी आपत्ति है। मैं इनको (कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल) नहीं समझा सकता क्योंकि मेरी मर्यादा है। लाल चौक का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले यहां तिरंगा फहराने जाते थे तो रोक दिया जाता था लेकिन आज हर घर पर तिरंगा लगा हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साल 2026 तक यहां पूरी तरह से जीरो टेरर प्लान लागू किया जाएगा। सदन में शाह ने कहा कि- यह एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि ये दोनों विधेयक पारित हो जाएंगे और इसलिए भी क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

लौट आईए, नहीं तो जितने हो उतने भी नहीं बचोगे-शाह

राज्यसभा में बहस के दौरान अमित शाह ने धारा 370 हटाने का विरोध कर रहे विपक्ष को चेतावनी दी कि लौट आइए, नहीं तो जितने हो, उतने भी नहीं बचोगे। दरअसल, पूरे दिन बिल पर बहस के दौरान विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहराता रहा। अमित शाह के जवाब के दौरान भी विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद बिलों पर वोटिंग हुई और दोनों बिल राज्यसभा से भी पास हो गए। उन्होने आगे कहा कि SC ने माना कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था, इसमें कोई शंका नहीं है। अगर अनुच्छेद 370 इतना ही उचित और आवश्यक था, तो नेहरू ने इसके आगे अस्थायी शब्द का उपयोग क्यों किया होगा? जो लोग कहते हैं कि अनुच्छेद 370 स्थायी है, वे संविधान सभा की मंशा और संविधान का अपमान कर रहे हैं।