उमाकांत त्रिपाठी।हरियाणा में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। चुनाव नायब सिंह सैनी के चेहरे पर लड़ा गया और अब उनका CM बनाना लगभग तय है। इसके बावजूद गृह मंत्री अमित शाह को ऑब्जर्वर के तौर पर हरियाणा भेजकर भाजपा ने चर्चाओं को हवा दे दी है। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी भेजा गया है।यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि शाह ने ही चुनाव से पहले पंचकूला में मंच से कहा था कि- ये इलेक्शन नायब सैनी की अगुआई में लड़ा जाएगा। 17 अक्टूबर के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 16 अक्टूबर को शाह को हरियाणा भेजने की वजह हैं।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने बताईं शाह को ऑब्जर्वर बनाने की 3 वजह…
1. अनिल विज की CM पद की दावेदारी
विधायक दल की मीटिंग में नायब सैनी के दोबारा CM बनने में कोई पेंच है तो वह अंबाला कैंट से 7वीं बार MLA बने अनिल विज हैं। विज चुनाव प्रचार के दौरान दावा ठोक चुके हैं कि वह सीनियर हैं। इस आधार पर वे इस बार मुख्यमंत्री पद का दावा करेंगे।विधायक दल की मीटिंग में विज अगर सैनी के नाम के खिलाफ हुए तो फिर शाह को उन्हें संभालना होगा। इससे पहले भी जब मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया तो विज मीटिंग छोड़कर चले गए थे। BJP के सूत्रों की मानें तो फिलहाल सैनी को CM ना बनाने की कोई वजह नजर नहीं आती, लेकिन भाजपा 2014 में मनोहर लाल खट्टर को लाकर चौंका चुकी है।
2. अहीरवाल बेल्ट के विधायकों का रुख
CM चेहरे को लेकर दूसरा मुद्दा अहीरवाल बेल्ट का है। यहां से इस बार BJP ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं। अहीरवाल बेल्ट से लगातार मांग उठ रही है कि वहां से CM चेहरा होना चाहिए। इसकी वजह ये भी है कि 2014 में BJP यहां से सारी 11 सीटें जीती तो 47 सीटों के साथ बहुमत आया था।
2019 में BJP यहां से 8 सीटें जीती तो 46 के बहुमत से कम 40 पर रह गई। यही वजह है कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत कह चुके हैं कि उन्होंने अपना काम कर दिया, अब पार्टी को ध्यान देना चाहिए। शाह की मौजूदगी के जरिए यह देखा जा सकता है कि सैनी CM बने तो फिर वहां के विधायकों का क्या रुख रहता है।
3. जानें किसे मिली मंत्री पद की दावेदारी
BJP बहुमत पार जरूर आई है, लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में कौन-कौन होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। खासकर चुनाव में RSS के इन्वॉल्वमेंट और उनसे जुड़े कुछ चेहरों के विधायक चुने जाने के बाद उनका भी नंबर आ सकता है। कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर से नाराजगी रही। राव इंद्रजीत भी अहीरवाल बेल्ट से 2 से 3 मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। ऐसे में योग्य व्यक्ति मंत्री पद से न चूके और इसके विरोध में किसी तरह की बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी न हो, इसे शाह मैनेज करेंगे।
अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए चुनाव रिजल्ट आने से लेकर अब तक क्या हुआ…
8 अक्टूबर को भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला
हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट 8 अक्टूबर (मंगलवार) को आए, जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। भाजपा के खाते में 48 सीटें आईं। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन दे दिया। ऐसे में भाजपा के पास कुल 51 विधायक हो गए हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले विधायकों में बहादुरगढ़ से राजेश जून, गन्नौर से देवेंद्र कादियान और हिसार से सावित्री जिंदल शामिल हैं।
नायब दिल्ली में PM समेत अन्य सभी नेताओं से मिले
भाजपा को बहुमत मिलने के बाद नायब सैनी 9 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले।इसके बाद चर्चा शुरू हुई कि मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 12 अक्टूबर को होगा। हालांकि, PM मोदी के विदेश दौरे के कारण इसे टाल दिया गया। इसके बाद 15 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह की बात सामने आई।