उमाकांत त्रिपाठी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनाथ स्वामी मंदिर के कुंभाभिषेकम और जीर्णोद्धार समारोह में कहा कि अयोध्या और तमिलनाडु का एक विशेष रिश्ता है। हजारों वर्ष पहले श्रीराम श्रीलंका में सीता माता की खोज के लिए निकले थे तब उन्होंने तमिलनाडु में भगवान शिव की आराधना की थी, जहां आज रामेश्वरम स्थापित है। भगवान शिव की कृपा से सेतुबंध का भी निर्माण हुआ था।
समाज को बांट रहे कुछ लोग
सीएम योगी ने कहा कि राजनीतिक संकीर्णता में फंसे कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे समय में रामनाथ स्वामी मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का समारोह एक नई प्रेरणा हो सकता है। इससे प्रेरित होकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ाएंगे। भारत सांस्कृतिक रूप से हर कालखंड में एक रहा है। वैदिक साहित्य इसका उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। हमारे शास्त्र इसका उदाहरण हैं। संतों की परंपरा, धर्म स्थल इनके प्रमाण हैं। सरकार अलग-अलग रही हो लेकिन सांस्कृतिक एकता कभी खंडित नहीं हुई। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। अयोध्या दुनिया की सबसे सुंदर आध्यात्मिक नगरी बन रही है।
एक महीने में चौथी बार पहुंचे अयोध्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को 30 दिन के भीतर चौथी बार अयोध्या पहुंचे। सीएम रामसेवक पुरम में शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत कर रहे हैं। वे 25 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित कर रहे हैं। यहां पहुंचने पर उनका दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया। यहां अशोक सिंहल फाउंडेशन की ओर से आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होंगे। इन दोनों कार्यक्रमों के बाद सीएम रामलला और हनुमानगढ़ी के दरबार में भी हाजिरी लगाएंगे। अयोध्या में दक्षिण भारतीय परंपरा के पहले शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सीएम योगी आदित्यनाथ ने की।