वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साधा कांग्रेस पर निशाना, बोलीं- कांग्रेस ने गुड़ का गोबर किया, श्वेतपत्र पर की चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साधा कांग्रेस पर निशाना, बोलीं- कांग्रेस ने गुड़ का गोबर किया, श्वेतपत्र पर की चर्चा

उमाकांत त्रिपाठी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में श्वेत पत्र पर चर्चा की। संसद में बजट सेशन के आखिरी दिन शनिवार को राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र पर चर्चा करते हुए एक बार फिर यूपीए सरकार पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने कहा- कांग्रेस को गुड़ का गोबर करना आता है। इन्होंने यूपीए शासनकाल में पूर्वोत्तर को पूरी तरह से भुला दिया था। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा सांसद रहे, वहीं कुछ कर लेते।

8 फरवरी को पेश हुआ था श्वेतपत्र
निर्मला सीतारमण ने 8 फरवरी को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया था। जिस पर उन्होंने 9 फरवरी को स्पीच दी। इसमें बताया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी। बाद में मोदी सरकार ने कठोर फैसले लिए, जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आई। सत्र के आखिरी दिन भी वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार के दौरान खराब अर्थव्यवस्था का जिक्र किया। राज्यसभा में सीतारमण ने कहा- बार-बार हमारे सामने आंकड़े उछाले जाते हैं। मुद्रास्फीति यह है, मुद्रास्फीति वह है। मैं सिर्फ यह बताना चाहती हूं कि अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के आखिरी साल में मुद्रास्फीति 4% से नीचे थी। लेकिन उन्हें (कांग्रेस) गुड़ को गोबर करनै में महारत हासिल है। 2004 में, जब प्रधानमंत्री वाजपेयी की एनडीए सरकार ने आपको 4% से नीचे मुद्रास्फीति के साथ इसे सौंपा था, तो आपने इसके साथ क्या किया? लापरवाह राजकोषीय नीति और फिजूलखर्ची ने इसे बर्बाद कर दिया।

कांग्रेस पर साधा निशाना
वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर पूर्वोत्तर राज्यों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। सीतारमण ने कहा- स्वतंत्र भारत के इतिहास में मोदी शासनकाल में पूर्वोत्तर हिस्से में देश को दूसरा रेलवे स्टेशन मिला, लेकिन आप (कांग्रेस) तो पूर्वोत्तर को भूल बैठे थे। कम से कम आप याद रखें कि डॉ. मनमोहन सिंह खुद असम से 28 साल तक राज्यसभा सांसद थे, आपको वहां थोड़ा काम करना चाहिए था। आज, जब हम श्वेत पत्र ला रहे हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि हम अर्थव्यवस्था को एक निश्चित स्तर पर ले आए हैं और वह स्तर हमें विश्वास दिलाता है कि अब हम यह कह सकते हैं अगले कुछ सालों में, जैसा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी। यह दावा यूं ही नहीं है।