उमाकांत त्रिपाठी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का दाह संस्कार बुधवार को शिप्रा तट पर हुआ…. उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली थी…आज दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई अंतिम यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शिप्रा तट पर पहुंची… स्वर्गीय पूनमचंद यादव को अंतिम विदाई देने पूरा शहर उमड़ पड़ा… अंतिम विदाई के बाद भूखी माता मंदिर के पास सीएम और परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार किया…
अंत्येष्टि में शामिल होने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और एमपी कैबिनेट के सभी मंत्री शामिल हुए…
शिप्रा तट पर हुआ अंतिम संस्कार
आपको बता दें कि सीएम के पिता एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे….पिता के निधन की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल से उज्जैन पहुंचे थे… सीएम डॉ. यादव और परिवार के लोगों ने शिप्रा तट पर भूखी माता मंदिर के पास पिता का दाह संस्कार किया…. इनके अलावा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, मंत्री राधा सिंह, मंत्री करण वर्मा, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, मंत्री, नारायण सिंह कुशवाह, मंत्री लखन पटेल मंत्री, मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव वीरा राणा, डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने भी सीएम के पिता के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
100 साल की जिंदगी में किए संघर्ष
यादव समाज से जुड़े लोग बताते हैं कि, पूनमचंद यादव ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। उन्होंने बेटे नंदू यादव, नारायण यादव, मोहन यादव और बेटी कलावती, शांति देवी को अच्छी शिक्षा दिलाई। संघर्ष के दिनों में उनके पिता रतलाम से उज्जैन आ गए और सबसे पहले हीरा मिल में नौकरी की। इसके बाद शहर के मालीपुरा में भजिया और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान लगाई। 100 वर्ष की उम्र होने के बाद भी वे उपज बेचने खुद मंडी जाते थे।